नई दिल्ली। नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढि़या ने कहा कि लंबी अवधि में सरकार के नोटबंदी के फैसले का अर्थव्यवस्था पर काफी सकारात्मक असर होगा क्योंकि इससे लोगों का रुझान डिजिटल लेनदेन की ओर बढ़ेगा। पनगढ़िया ने भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) द्वारा आयोजित वैश्विक ऊर्जा परिचर्चा पर आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर कहा, ‘आपको नोटबंदी का असर लंबी अवधि में नजर आएगा जो काफी सकारात्मक होगा।’
यह भी पढ़ें : Going Cashless : डेबिट और क्रेडिट कार्ड से खरीदारी पड़ सकती है आपकी जेब पर भारी, देना होता है एक्स्ट्रा चार्ज
सकारात्मक होगा डिजिटल लेन-देन की ओर बढ़ना
- पनगढ़िया ने कहा कि बैंक खातों में जमा राशि बढ़ने के साथ ही फाइनेंशियल इंटरमेडिएशन बढ़ी है।
- इसका मतलब यह है कि जिस पूंजी को अब तक निजी तौर पर निवेश किया जाता रहा है अब वित्तीय संस्थानों के जरिए उसका निवेश किया जायेगा।
- इसका अर्थव्यवस्था पर अच्छा असर होगा। जैसे-जैसे हम डिजिटल लेन-देन की तरफ बढ़ेंगे हमारी ट्रांजैक्शन क्षमता बढ़ेगी। यह भी सकारात्मक होगा।
- हालांकि, फिच रेटिंग ने कल ही भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि के अनुमान को 7.4 फीसदी से घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया।
- रेटिंग एजेंसी ने कहा कि नोटबंदी के बाद आर्थिक गतिविधियों में अस्थाई रूप से बाधा आई है।
हर कोई अपने विचार व्यक्त कर रहा है : पनगढि़या
- नोटबंदी के बाद आर्थिक वृद्धि को लेकर अर्थशास्त्रियों और रेटिंग एजेंसियों द्वारा चिंता व्यक्त किए जाने पर पनगढ़िया ने कहा, ‘‘हर कोई अपने विचार व्यक्त कर रहा है। यह देखने की बात है कि आगे क्या होता है।
- एचडीएफसी बैंक के आदित्य पुरी ने कहा है कि इस बारे में (जीडीपी वृद्धि पर नोटबंदी का प्रभाव) बढ़ा चढ़ाकर बताया जा रहा है।
यह भी पढ़ें : पुराने 500 और 1000 के नोट से जमा नहीं होंगे बीमा प्रीमियम, बीमा नियामक ने जारी किया स्पष्टीकरण
रिजर्व बैंक के नकद आरक्षित अनुपात-कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) को अस्थाई रूप से बढ़ाने के मुद्दे पर पनगढ़िया ने कहा, ‘यह रिजर्व बैंक के अधिकार क्षेत्र का मुद्दा है। बैंकिंग प्रणाली में जब काफी नकदी आ जाती है तो रिजर्व बैंक इस तरह के उपाय करता है।’
Latest Business News