नई दिल्ली। प्रसिद्ध विकास अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज़ ने कहा है कि नोटबंदी का वंचित तबके विशेष रूप से दिहाड़ी मजदूरों पर काफी गंभीर असर होगा। यह प्रभाव कहीं अधिक बुरा तथा अनुमान से अधिक समय तक बना रहेगा। उन्होंने नोटबंदी को कालेधन के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक बताने के दावे को खारिज करते हुए कहा कि यदि सरकार वास्तव में बेहिसाबी धन के खिलाफ कदम उठाना चाहती है तो अच्छा होता कि वह इसकी शुरुआत राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता लाकर करती।
भाजपा को करना चाहिए अपने खातों का खुलासा
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के पूर्व सदस्य तथा वर्तमान में रांची विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के विजिटिंग प्रोफेसर ज्यां द्रेज़ ने कहा कि भाजपा सत्ता में है और वह भ्रष्टाचार की दुश्मन है। ऐसे में उसे अपने खातों का खुलासा कर उदाहरण पेश करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जहां तक नोटबंदी का सवाल है तो इस संकट से वंचित तबके विशेषरूप से दिहाड़ी मजदूरों पर काफी बुरा असर पड़ेगा।
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ड्रेज ने कहा
नोटबंदी का प्रभाव कहीं अधिक बुरा तथा सरकार के अनुमान से ज्यादा समय तक रहेगा। अनौपचारिक क्षेत्र में लघु अवधि के बदलाव आधिकारिक आंकड़ों के रडार के बाहर रहते हैं।
निजी क्षेत्र की ग्रोथ में आएगा ठहराव
बेल्जियम में जन्मे ज्यां द्रेज़ ने कहा कि निजी क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि काफी हद तक ठहर जाएगी। इस व्यापक गिरावट से बाहर निकलने में समय लगेगा। उन्होंने कहा कि कैशलेस भुगतान के कुछ लाभ हैं लेकिन अर्थव्यवस्था को ढहाने के जोखिम की शर्त पर लोगों पर इसके लिए दबाव डालना इसे प्रोत्साहित करने का अच्छा तरीका नहीं है।
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