नोटबंदी से लंबे समय में ग्रोथ को मिलेगा बढ़ावा, जेटली ने कहा- दर्द थोड़े समय का
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि नोटबंदी के फैसले से लोगों को हो रही तकलीफ खेदजनक है पर यह थोड़े समय की है। इससे लंबे समय में ग्रोथ को बल मिलेगा।
नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि नोटबंदी के फैसले से लोगों को हो रही तकलीफ खेदजनक है पर यह थोड़े समय की है। बाकी इस निर्णय से अर्थव्यवस्था अधिक साफसुथरी होगी और दीर्घावधि में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की ग्रोथ दर बढ़ेगी। क्योंकि बैंकों के पास अधिक देने के लिए अधिक पैसा होगा।
जेटली ने कहा कि लंबे समय में भारतीय अर्थव्यवस्था एक काफी बड़े बदलाव की ओर अग्रसर है। भारत में नीति निर्माता कठिन फैसले लेने से भी नहीं हिचकिचाते हैं। जेटली ने पेट्रोटेक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, जब आप इतिहास बदलाव के बिंदु पर हों, तो आपको जो कदम उठाए गए हैं उनके लंबे समय के प्रभाव को देखना चाहिए। मेरा मानना है कि दीर्घावधि में भारत निश्चित रूप से एक बेहतर जीडीपी, साफ नैतिकता और स्वच्छ अर्थव्यवस्था का समाज होगा।
आगे जेटली ने कहा…
- नोटबंदी के बाद लोगों को हो रही तकलीफ को खेदपूर्ण बताया पर कहा कि कहा कि सरकार को इसका ध्यान था।भारत इतिहास के एक मोड़ पर बैठा है।
- वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के पास इसके परिणाम का सामाना के लिए मजबूत कंधा हैं।
- इस तरह के फैसले में कुछ परेशानियां आती हैं जो खेदजनक हैं, लेकिन उनके बारे में सोचा गया था।
- प्रधानमंत्री चाहते तो जो दूसरो ने किया वही रास्ता वे भी चुन सकते थे- मुख मोड़ कर दूसरी तरह देखते।
- मुझे विश्वास है कि जहां तक भविष्य का सवाल है तो यह विकल्प निश्चित रूप से अपनी छाप छोड़ेगा।
नकदी संकट से जूझ रहे हैं लोग
- वित्त मंत्री जेटली ने स्वीकार किया कि 8 नवंबर को 500 और 1,000 का नोट बंद करने के बाद प्रणाली में नकदी की कमी है।
- रिजर्व बैंक कुछ निश्चित मात्रा में करेंसी जारी कर रहा है, लेकिन इसके साथ साथ डिजिटल लेनदेन भी होना चाहिए।
- दो-तीन महीने में भारत डिजिटल होकर चलेगा।
- उससे अधिक हासिल कर सकेंगे जो पिछले कई दशकों में हासिल नहीं कर पाए हैं।
जेटली ने कहा कि इस नए चलन का दीर्घावधि का लाभ यह होगा कि बैंकिंग प्रणाली में अधिक धन आएगा, बैंकों की अर्थव्यवस्था को समर्थन देने की क्षमता बढ़ेगी और बैंकों के पास कम लागत का कोष उपलब्ध होगा। 10 नवंबर के बाद से बैंकिंग प्रणाली में पुराने 500 और 1,000 के नोटों में 11.85 लाख करोड़ रुपए की जमा राशि आई है।
86 फीसदी 500 रुपए 1,000 रुपए के नोट
- एक अनुमान के अनुसार चलन में मौजूद 14.5 लाख करोड़ रुपए में से 86 प्रतिशत 500 और 1,000 के बंद हो चुके नोटों के रूप में था।
- भारत के इतिहास में पिछले 100 साल का सबसे महत्वपूर्ण घटनाक्रम आजादी है, जिसने इतिहास बदल दिया।
- आजादी के साथ दर्द भी आया, बरसों तक लोगों का आव्रजन होता रहा क्योंकि पुनर्वास हो रहा था।
- अब जब आप भुगतान का तरीका बदल रहे हैं, वह उसकी तुलना में बहुत छोटी घटना है।