मुंबई। कृषि आय बढ़ने से उर्वरक की मांग अगले वित्त वर्ष 2017-18 में पांच प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। इंडिया रेटिंग्स ने आज यह कहा। इंडिया रेटिंग्स ने एक रिपोर्ट में कहा कि उर्वरक की मांग वित्त वर्ष 2017-18 में करीब पांच प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है।
इसमें कहा गया है,
कृषि आय बढ़ने तथा प्रमुख रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ने से किसानों की क्रय शक्ति में इजाफा हुआ है।इससे वित्त वर्ष 2017-18 में उर्वरक की मांग अच्छी रहने की उम्मीद है।
- 2017-18 के लिए क्षेत्र के परिदृश्य को स्थिर बरकरार रखते हुए इंडिया रेटिंग्स ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में उर्वरक उद्योग पिछले वर्ष के समरूप रहेगा।
- इसका कारण कच्चे माल और तैयार उत्पादों के अंतरराष्ट्रीय मूल्यों में कमी के मद्देनजर सरकारी सब्सिडी पर निर्भरता कम होना है।
- रेटिंग एजेंसी ने यह भी कहा कि उर्वरक कंपनियों की सालाना वृद्धि वित्त वर्ष 2016-17 के स्तर पर रहने की संभावना है।
- इसमें मुख्य रूप से वृद्धि खपत बढ़ने से आएगी।
- हालांकि अगर सरकार सब्सिडी कम करती है या उर्वरक कंपनियों द्वारा बड़े पैमाने पर कर्ज के जरिये पूंजी व्यय किया जाता है तो इससे क्षेत्र का परिदृश्य
- संशोधित कर नकारात्मक किया जा सकता है।
- रेटिंग एजेंसी के अनुसार आयातित उर्वरक की कीमत नीचे बनी रहेगी।
- इसका कारण ऊर्जा और कच्चे माल की लागत का कम होना तथा चीन की फसल नीति में बदलाव के कारण अंतरराष्ट्रीय मांग में कमी है।
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