नयी दिल्ली। दिल्ली विधानसभा ने मानसून सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को ‘दिल्ली वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2021’ को पारित कर दिया। इसका उद्देश्य जीएसटी फाइल करने की प्रक्रिया को सुगम बनाना और कर चोरी पर अंकुश लगाना है। इस दौरान विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक ही दिन विधेयक को पेश करने और पारित किए जाने को लेकर इसका विरोध किया।
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मानसून सत्र के दूसरे और अंतिम दिन विधेयक पेश करते हुए कहा कि दिल्ली जीएसटी कानून की 15 धाराओं में छोटे बदलाव किये गये हैं। ये बदलाव व्यापारियों से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर किये गये हैं। उन्होंने कहा कि इन संशोधनों का मकसद जीएसटी फाइलिंग प्रक्रिया को सुगम बनाना और धोखाधड़ी की गतिविधियों पर लगाम लगाना है।
उन्होंने कहा, ‘‘जीएसटी एक नया कानून है। हमारी जानकारी में आया है कि कुछ लोग इसका फायदा उठाकर कर की चोरी कर रहे हैं। इसलिए कुछ संशोधनों का मकसद कर चोरी को रोकना है।’’ सिसोदिया ने कहा कि इनमें से एक संशोधन के जरिये 1.5 करोड़ और उससे अधिक के कारोबार वाले पंजीकृत व्यापारियों के अनिवार्य ऑडिट की आवश्यकता को समाप्त किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके कारण कारोबारियों को चार्टड एकउंटेंट और कंपनी सचिवों पर आश्रित होना पड़ रहा था।
इस दौरान विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक ही दिन विधेयक को पेश करने और पारित किए जाने को लेकर इसका विरोध किया। भाजपा विधाक विजेन्द्र गुप्ता ने एक ही दिन विधेयक पेश करने, उस पर चर्चा करने तथा उसे पारित कराने पर आपत्ति जतायी।
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