नई दिल्ली। वेंचर डेट फर्म InnoVen Capital ने ‘India Startup Outlook Report 2016’ नाम से एक रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट में इस साल स्टार्टअप्स के ट्रेंड्स, चुनौतियों के साथ ही उनके लिए अवसरों की बात कही गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक डेमोग्राफिक दृष्टि से एक नया वेंचर स्टार्ट करने के लिए दिल्ली सबसे पसंदीदा जगह के तौर पर उभर कर समाने आया है। बेंगलुरु और मुंबई इसके बाद दूसरे पसंदीदा स्टार्टअप्स हब हैं। इंडस्ट्री-वाइज विश्लेषण पर तैयार की गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि फंडिंग की परवाह किए बगैर, स्टार्टअप के लिए कंज्यूमर इंटरनेट और ई-कॉमर्स सबसे लोकप्रिय सेगमेंट हैं।
पैदा होंगे नए रोजगार
नई भर्ती के मोर्चे पर 97 फीसरी स्टार्टअप्स ने कहा है कि वह इस साल नए कर्मचारियों की भर्ती करेंगे, जहां औसतन 28 फीसदी कर्मचारी टेक्नोलॉजी फ्रंट के होंगे। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले 12 महीनों में 130 स्टार्टअप्स 5,000 से ज्यादा नए जॉब पैदा करेंगे। सबसे रोचक बात यह है कि अधिकांश स्टार्टअप्स अपने कर्मचारियों में लिंग विविधता बहुत अधिक ला रहे हैं। 41 फीसदी वेंचर कैपिटल फंडेड स्टार्टअप्स की स्थापना महिलाओं ने या सीएक्सओ स्तर के एग्जीक्यूटिव्स ने की है।
उद्यमशीलता के अनुकूल है भारत
रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू बाजार का आकार और ग्राहकों व आपूर्तिकर्ताओं के बीच निकटता ऐसे शीर्ष कारक हैं, जो भातर के बिजनेस माहौल को उद्यमशीलता के लिए अनुकूल बनाते हैं। 44 फीसदी वेंचर कैपिटल फंडेड कंपनियों का मानना है कि इक्विटी तक पहुंच इस सेक्टर के लिए सबसे बड़ा अवसर है। कुल मिलाकर 65 फीसदी कंपनियां वर्तमान बिजनेस और राजनीतिक स्थिति को पिछले साल की तुलना में बेहतर मानती हैं और 76 फीसदी कंपनियों का मानना है कि अगला साल स्टार्टअप्स के लिए और अधिक अनुकूल रहेगा।
आधे से अधिक स्टार्टअप्स बनेंगे प्रॉफिटेबल
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान आधे से अधिक बूटस्ट्रैप्ड स्टार्टअप्स और 45 फीसदी एंजेल फंडेड स्टार्टअप्स के प्रॉफिटेबल बनने की उम्मीद है। वहीं दूसरी ओर केवल 22 फीसदी वेंचर कैपिटल फंडेड कंपनियां के ही इस दौरान प्रॉपिफटेबल बनने की उम्मीद जताई गई है। फंडिंग के मोर्चे पर इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले 12 माह के दौरान तकरीबन 130 कंपनियों के 70 करोड़ डॉलर की राशि जुटाने का अनुमान है।
टैक्सेशन और रेगूलेशन सबसे बड़ी चुनौती
रिपोर्ट में कहा गया है कि स्टार्टअप्स के लिए चुनौती की लिस्ट में सबसे टॉप पर टैक्सेशन, वर्क इथिक्स और रेगूलेशन हैं। 74 फीसदी बूटस्ट्रैप्ड और एंजेल फंडेड कंपनियां इनकम टैक्स एक्ट की धाना 56 में एंजेल टैक्स से परिचित भी नहीं हैं। 70 फीसदी से ज्यादा कंपनियों का मानना है कि भारतीय शिक्षा पद्धति भविष्य के कर्मचारियों को उस स्किल के साथ तैयार करने में असमर्थ है, जिनकी उन्हें अपने बिजनेस के लिए जरूरत है।
Latest Business News