नई दिल्ली। टाटा कैमलॉट हाउसिंग प्रोजेक्ट के निवेशकों को दिल्ली हाई कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने कंपनी की चंडीगढ़ में सुखना झील के आसपास के इलाके में हाउसिंग प्रोजेक्ट को मंजूरी देने से मना कर दिया है। चीफ जस्टिस जी रोहिणी और जस्टिस राजीव सहाय एंडलॉ की पीठ ने कहा कि प्रोजेक्ट की मंजूरी को रद्द किया जाता है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र सुखना झील के जलग्रहण इलाके में पड़ता है। ऐसे में वहां आवासीय परियोजना को मंजूरी नहीं दी जा सकती।
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सुखना झील के पास के गांव की पंचायत ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी जिसे पंजाब सरकार ने स्वीकार किया था। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि प्रोजेक्ट को संबंधित विभागों से मिली पर्यावरण संबंधी सभी मंजूरी रद्द की जाती हैं।
मालूम हो कि बेंच ने 9 अक्टूबर, 2015 को अपना फैसला सुरक्षित रखा था। उच्च न्यायालय ने यह आदेश अधिवक्ता आलोक जग्गा की याचिका पर दिया है। याचिका में सुखना झील के पास टाटा की आवासीय परियोजना को विभिन्न विभागों द्वारा दी गई मंजूरियों को रद्द करने की अपील की गई थी।
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