नई दिल्ली। पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक (पीएमसी बैंक) के घोटाले के शिकार लोगों को राहत पहुंचाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र और आरबीआई को एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए नोटिस भेजा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने पीएमसी बैंक घोटाले मामले में खाताधारकों की नगद निकासी पर प्रतिबंध हटाने को लेकर केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक से जवाब मांगा है।
जनहित याचिका में कोर्ट से मांग की है कि लोगों की बचत का बीमा किया जाए, ताकि सभी निवेशक अपना पैसा वापस पा सकें। इसके साथ ही कानूनी बनाने की मांग की गई है, जिससे ऐसे घोटाले न हो। मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी, 2020 को होगी।
गौरतलब है कि पीएमसी बैंक के खाताधारक बैंक से नकद निकासी को लेकर आरबीआई के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं और अब तक इस घोटाले में फंसी रकम को लेकर अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है। हाल ही में मुम्बई के मुलुंड कॉलोनी में रहने वाले पीएमसी बैंक के खाताधारक 68 वर्षीय केशुमल हिंदुजा की मौत हो गई है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, पीएमसी बैंक के कामकाज में अनियमितताएं और रीयल एस्टेट कंपनी एचडीआईएल को दिए गए कर्ज के बारे में सही जानकारी नहीं देने को लेकर उस पर पाबंदी लगाई गई है। बैंक ने एचडीआईएल को अपने कुल कर्ज 8,880 करोड़ रुपए में से 6,500 करोड़ रुपए का कर्ज दिया था। यह उसके कुल कर्ज का करीब 73 प्रतिशत है। पूरा कर्ज पिछले दो-तीन साल से एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) बना हुआ है।
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