नई दिल्ली। रिजर्व बैंक द्वारा हाल में जारी 50 और 200 रुपए के नोट में बड़ी खामी सामने आई है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने पाया है कि इन नोटों को नेत्रहीन लोगों द्वारा पहचानने तथा इस्तेमाल करने में दिक्कत आ रही है। नोटों को लेकर नेत्रहीनों को आ रही दिक्कतों के मद्देनजर रिजर्व बैंक और सरकार को नये नोटों एवं सिक्कों का परीक्षण करने को कहा है।कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर की पीठ ने रिजर्व बैंक और सरकार को इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने को कहा। उन्होंने कहा कि यदि संभव हो तो 200 रुपये और 50 रुपये के नये नोटों का सरकार परीक्षण करे क्योंकि इनका इस्तेमाल करने में नेत्रहीन लोगों को दिक्कतें हो रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह ऐसा मामला है जिसपर विचार किया जाना चाहिए। हमने भी पाया है कि ये नेत्रहीन लोगों के लिए पहचानने में मुश्किल हैं क्योंकि इनका आकार तथा स्पर्शनीय चिह्न बदल गया है।’’ इससे पहले हाइकोर्ट के सामने 200 और 50 रुपए के नोट से जुड़ी शिकायतें आई थीं। जिसके मद्देनज़र हाइकोर्ट ने रिजर्व बैंक से इसका परीक्षण करने का आदेश दिया है। आपको बता दें कि आरबीआई ने इसी साल अगस्त में 200 रुपए का नया नोट जारी किया था, इसके साथ ही 50 रुपए के नोट को भी नया आकार, स्वरूप और रंग दिया गया था। ये नोट अभी बैंकों की ब्रांच से मिल रहे हैं, वहीं कुछ एटीएम ने भी इसे जारी करना शुरू कर दिया है।
नए नोट की खासियतों की बात करें तो 200 रुपये के नोट में पीछे की ओर सांची स्तूप का मोटिफ दिया गया है। नोट का बेस कलर चमकीला पीला रखा गया है और महात्मा गांधी की तस्वीर नोट के बीचोंबीच है। नोट में और भी कई डिजाइन, जियोमैट्रिक पैटर्न और अगले व पिछले हिस्से में एक खास तरह की कलर स्कीम का प्रयोग किया गया है। नोट के पिछले हिस्से में स्वच्छ भारत का लोगो है और किस साल में नोट को प्रिंट किया गया है, यह नोट के लेफ्ट में छपा होगा।
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