नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने पर्ल्स ग्रुप के दो निदेशकों को जमानत देने से इनकार कर दिया। इन दोनों के साथ समूह के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक एनएस भंगू पर पांच करोड़ से अधिक निवेशकों को 45,000 करोड़ रुपए का चूना लगाने का आरोप है।
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- न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने पर्ल्स ग्रुप के कार्यकारी निदेशक (वित्त) गुरमीत सिंह और कार्यकारी निदेशक सुब्रत भट्टाचार्य की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए कहा कि उनके खिलाफ आरोप काफी गंभीर हैं।
- ऐसी आशंका है कि वे इस मामले में आगे की जांच को प्रभावित कर सकते हैं।
- अदालत ने कहा कि सीबीआई की यह धारणा कि वे आगे की जांच को प्रभावित कर सकते हैं विश्वसनीय सामग्री पर आधारित है, क्योंकि हिरासत के दौरान उन्होंने कंपनी की संपत्ति की बिक्री का प्रयास किया।
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सिंह और भट्टाचार्य तथा भंगू के साथ पर्ल एग्रोटेक कॉरपोरेशन के कई प्रवर्तक और निदेशक IPC की आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और जालसाजी की धाराओं में मामले का सामना कर रहे हैं। इन मामलों में सात साल से आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।
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