नई दिल्ली। टाटा के स्वामित्व वाली लग्जरी कार निर्माता जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) ने लग्जरी डीजल कारों की बिक्री पर रोक लगाए जाने की कड़ी आलोचना की है। कंपनी ने कहा कि दिल्ली की सड़कों पर उसकी अत्याधुनिक तकनीक वाली कारें जो हवा अंदर लेती हैं, वह उनके द्वारा छोड़ी जाने वाली हवा से कहीं ज्यादा दूषित होती है। उन्होंने कहा कि यदि आपका उद्देश्य प्रदूषण कम करना है और हवा की गुणवत्ता में सुधार लाना है तो इसके लिए व्यापक उपाय होने चाहिए।
डीजल गाड़ियों पर रोक समझ से बाहर
ब्रिटेन स्थित जेएलआर के सीईओ राल्फ स्पेठ ने कहा, ईयू-छह के ताजा नियमन में ऐसे तकनीकी उपाय किए गए हैं, जो कि दिल्ली की हवा को साफ कर सकते हैं। इस तरह की टेक्नोलॉजी से लैस वाहन एक तरह से हवा को स्वच्छ करने के उपकरण की तरह सड़कों पर दौड़ते हैं। ऐसे वाहन जो हवा बाहर से खींचते हैं वह उनके द्वारा छोड़ी जाने वाली हवा से कहीं ज्यादा दूषित होती है। न्यायालय के इस आदेश की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, यदि आप इस तरह के वाहनों पर रोक लगाते हैं तो माफ कीजिए यह मेरी समझ से बाहर की बात है। उन्होंने कहा कि यदि आपका उद्देश्य प्रदूषण कम करना है और हवा की गुणवत्ता में सुधार लाना है तो इसके लिये व्यापक उपाय होने चाहिए। पुरानी कारों पर रोक लगनी चाहिए और प्रदूषण फैलाने वाले दूसरे स्त्रोंतो पर नियंत्रण होना चाहिए।
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दिल्ली-एनसीआर में 2000 सीसी से अधिक डीजल कारों पर रोक
हाई कोर्ट ने पिछले साल दिसंबर में एक आदेश जारी कर 31 मार्च 2016 तक समूचे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 2000 सीसी से अधिक क्षमता वाली एसयूवी और डीजल कारों के पंजीकरण पर रोक लगा दी थी। शीर्ष अदालत के इस फैसले से प्रभावित होने वाली कंपनियों में जेएलआर भी शामिल है।
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