नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल जल्दी ही गुड्स एंड सर्विस टैक्स के दायरे में आ सकते हैं। खुद केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसको लेकर बयान दिया है। वित्त मंत्री ने राज्य सभा में कहा कि सरकार पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को GST के दायरे में लाना चाहती है, उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इसपर सभी राज्यों की सर्वसम्मति का इंतजार कर रही है और उम्मीद है कि राज्य इसपर जल्द सहमत हो जाएंगे। वित्तमंत्री ने कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के उठाए सवाल में यह जबाव दिया।
चिदंबरम ने सवाल किया था कि भारतीय जनता पार्टी की अब 19 राज्यों में सरकार बन चुकी है, इसके अलावा केंद्र में भी उनकी सरकार है, ऐसे में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को GST के दायरे में लाने से सरकार को कौन रोक रहा है, GST काउंसिल की बैठक में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को GST के दायरे में लाने पर फैसला कब होगा?
पेट्रोल और डीजल जैसे पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को लंबे समय से GST के दायेर में लाने की मांग उठ रही है, अगर ऐसा होता है तो पेट्रोल और डीजल पर अधिकतम 28 प्रतिशत टैक्स संभव होगा जिससे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी कमी आ सकती है।
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