नई दिल्ली। भारत के निर्यात में दिसंबर में लगातार चौथे महीने सुधर हुआ और यह एक साल पहले इसी माह की तुलना में 5.72 प्रतिशत बढ़कर 23.9 अरब डॉलर रहा। पिछले साल दिसंबर में निर्यात 22.6 अरब डॉलर था। समीक्षाधीन माह में आयात भी 0.46 प्रतिशत बढ़कर 34.25 अरब डॉलर रहा है।
इस तरह व्यापार घाटा (आयात और निर्यात का फर्क) 10.36 अरब डॉलर रहा। दिसंबर 2015 में व्यापार घाटा 11.5 अरब डॉलर था। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार दिसंबर 2016 में इंजीनियरिंग उत्पादों के निर्यात में 20 प्रतिशत, पेट्रोलियम में 8.22 प्रतिशत और दवाओं के निर्यात में 12.49 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
- इस पर भारतीय निर्यातकों के संगठनों के शीर्ष संगठन फियो ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वैश्विक रुझान सकारात्मक लगते हैं।
- अमेरिका में फेडरल ब्याज दरों में बढ़ोतरी और नोटबंदी का निर्यात पर सीमित प्रभाव हुआ है।
फियो के अध्यक्ष एससी रल्हान ने कहा,
निर्यात में सकारात्मक रुख आगे भी जारी रह सकता है। हमारा लक्ष्य मौजूदा वित्त वर्ष में निर्यात को 270 से 280 अरब डॉलर पहुंचाने का है।
- अप्रैल-दिसंबर अवधि में निर्यात 0.75 प्रतिशत की हल्की वृद्धि के साथ 198.8 अरब डॉलर रहा है।
- हालांकि इसी अवधि में आयात 7.42 प्रतिशत घटकर 275.3 अरब डॉलर रहा है।
- मौजूदा वित्त वर्ष की नौ माह की अवधि में देश का व्यापार घाटा 76.54 अरब डॉलर रहा है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 100 अरब डॉलर था।
- देश में कच्चा तेल आयात 7.645 अरब डॉलर रहा है, जो दिसंबर 2015 के तेल आयात 6.670 अरब डॉलर से 14.61 प्रतिशत अधिक है।
- देश का गैर-तेल आयात दिसंबर माह में 26.608 अरब डॉलर रहने का अनुमान है, जो दिसंबर 2015 के 27.425 अरब डॉलर आयात के मुकाबले 2.98 प्रतिशत कम है।
- दिसंबर में स्वर्ण आयात 48.49 प्रतिशत घटकर 1.96 अरब डॉलर रहा।
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