नई दिल्ली। दूरसंचार विभाग के सर्वोच्च नीति नियामक निकाय डिजिटल संचार आयोग ने 5.22 लाख करोड़ रुपए की स्पेक्ट्रम नीलामी योजना को शुक्रवार को मंजूरी दे दी। इससे देश में 5जी सेवाओं का रास्ता खुल गया है। सूत्रों के मुताबिक, डिजिटल संचार आयोग (डीसीसी) ने यहां आयोजित एक बैठक में स्पेक्ट्रम नीलामी की ट्राई की योजना को मंजूरी दे दी।
सूत्रों ने कहा कि स्पेक्ट्रम की नीलामी अगले साल मार्च-अप्रैल में होने की उम्मीद है और फिलहाल, आयोग ने रेडियोतंरगों की कीमतों में किसी तरह की कटौती की सिफारिश नहीं की है। सरकार की ओर से मांगे गए विचारों के आधार पर, दूरसंचार नियामक ट्राई ने 1 अगस्त, 2018 को 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज, 2500 मेगाहर्ट्ज, 3300-3400 मेगाहर्ट्ज, 3400-3600 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम की नीलामी की सिफारिश की थी।
सूत्रों ने बताया कि 22 टेलीकॉम सर्किलों में 8300 मेगाहर्ट्ज से अधिक के स्पेक्ट्रम को नीलाम किया जाएगा। इसके लिए आरक्षित मूल्य 5,22,850 करोड़ रुपए रखा गया है। ट्राई ने शुरुआत में विभिन्न बैंडों की नीलामी के लिए 4.9 लाख करोड़ रुपए का आरक्षित मूल्य रखने की सिफारिश की थी।
सफल बोलीदाता को 1 गीगाहर्ट्ज में कुल मूल्य का 25 प्रतिशत तुरंत जमा कराना होगा और उच्च फ्रिक्वेंसी वाले बैंड के लिए कुल मूल्य का 50 प्रतिशत जमा कराना होगा। बाकी रकम को किस्तों में जमा करने के लिए 16 साल का समय दिया जाएगा।
डीसीसी ने शुक्रवार को अपनी बैठक में कोची और लक्षद्वीप के बीच सबमरीन फाइबर केबल कनेक्टिविटी को भी स्वीकृति प्रदान की है। इस योजना के तहत 11 द्वीपों को आपस में कनेक्ट किया जाएगा। इस परियोजना की लागत 1072 करोड़ रुपए है और ठेका दिए जाने के बाद इस परियोजना को 24 महीने में पूरा करना होगा।
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