नई दिल्ली। सरकार ने आज कहा कि विभिन्न समाज कल्याण योजनाओं में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) की व्यवस्था अपनाने से उसे 34,000 करोड़ रुपए की बचत हुई है और आधार के उपयोग से भ्रष्टाचार पर निगरानी रखने एवं क्षमता को बेहतर करने में मदद मिली है।
उद्योग संगठन एसोचैम के एक कार्यक्रम में वित्त सचिव अशोक लवासा ने कहा कि जिन योजनाओं में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण शुरू किया गया है उनमें कुछ योजनाओं में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल हुई हैं। एक आकलन के मुताबिक इन सभी योजनाओं में करीब 34,000 करोड़ रुपए की बचत हुई है। नकद हस्तांतरण को 78 योजनाओं में लागू किया गया है और अभी कई योजनाएं हैं, जहां इसे लागू किया जाना है।
उन्होंने कहा कि तकनीक के उपयोग से अधिक पारदर्शिता आई है। आधार के उपयोग से क्षमता भी बेहतर होगी क्योंकि लाभार्थियों के आधार को योजनाओं के साथ जोड़ने से फर्जी लोगों को हटाया जा सकेगा। लवासा ने कहा कि करीब 1.73 लाख सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों पर पीओएस मशीनें लगाई जा चुकी हैं और यह सब आधार से जुड़े हैं।
उवर्रक डिपो भी पीओएस मशीनों को लगाने की प्रक्रिया में हैं। उवर्रक पर पिछले सालों की भांति ही सब्सिडी दी जा रही है लेकिन केरोसिन पर सब्सिडी में तेजी से कमी आई है। सीधे नकद हस्तांतरण को अन्य चीजों के साथ मिलाने पर सार्वजनिक व्यय प्रणाली की क्षमता में सुधार हुआ है और यह बेहतर हुई है।
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