मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को कहा है कि भुगतान से संबंधित पूरा डाटा केवल भारत में ही स्टोर किया जाएगा और विदेशों में प्रोसेस किए गए डाटा को 24 घंटे के भीतर देश में वापस लाना होगा। पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर्स (पीएसओ) द्वारा कुछ कार्यान्वयन मुद्दों पर उठाए गए सवालों पर अपने FAQs में आरबीआई ने कहा है कि धन के भुगतान का पूरा डाटा भारत में स्थित प्रणालियों में ही संग्रहीत किया जाएगा।
आरबीआई ने स्टोरेज ऑफ पेमेंट सिस्टम डाटा पर अप्रैल 2018 में दिशा-निर्देा जारी किए थे। इसमें सभी सिस्टम प्रोवाइडर्स को यह सलाह दी गई थी कि वह 6 माह की समयसीमा के भीतर यह सुनिश्चित करें कि धन के भुगतान से संबंधित संपूर्ण डाटा भारत में स्थित प्रणालियों में ही स्टोर किया जाएगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न में कहा गया है कि पीएसओ द्वारा वांछित होने पर भारत के बाहर भुगतान लेनदेन के प्रसंस्करण पर कोई रोक नहीं है। हालांकि आरबीआई ने कहा है कि प्रसंस्करण के बाद डाटा को केवल भारत में ही स्टोर किया जाना चाहिए। संपूर्ण एंड-टू-एंड ट्रांजैक्शन डिटेल्स को डाटा का हिस्सा होना चाहिए।
विदेश में किए गए प्रसंस्करण के मामले में, डाटा को विदेशों में स्थित सिस्टम से डिलीट कर देना चाहिए और भुगतान प्रसंस्करण पूरा होने के 24 घंटे के भीतर इस डाटा को वापस देश में ले आना चाहिए।
पिछले हफ्ते कॉमर्स और इंडस्ट्री मंत्री पीयूष गोयल के साथ हुई बैठक में कई ई-कॉमर्स कंपनियों ने डाटा स्थानीकरण के मुद्दे को उठाया था। इसके बाद आज आरबीआई ने अपना स्पष्टीकरण दिया है।
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