नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि डेटा की निजता के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिये। उन्होंने कहा कि आज डिजिटल तरीके से भुगतान करने वाले भारतीयों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, ऐसे में ग्राहकों के ब्योरे को सुरक्षित रखने की जरूरत है। सीतारमण ने मंगलवार को फिनटेक उद्योग को संबोधित करते हुए कहा कि जनवरी से अगस्त, 2021 के दौरान मूल्य के हिसाब से डिजिटल लेनदेन छह लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। वर्ष 2020 में यह चार लाख करोड़ रुपये और 2019 में दो लाख करोड़ रुपये था।
सीतारमण ने ‘ग्लोबल फिनटेक फेस्ट-2021’ को संबोधित करते हुए कहा कि डेटा प्राइवेसी ऐसी चीज है जो काफी महत्वपूर्ण है। इस मुद्दे पर काफी भिन्न विचार हो सकते हैं। लेकिन निजता का सम्मान जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘‘ग्राहकों के ब्योरे को सुरक्षित रखना भरोसा बढ़ाने का आधार है। जब तक ब्योरा सुरक्षित नहीं होगा, कोई भी चीजों से जुड़ना नहीं चाहेगा।’’ इस कार्यक्रम के दौरान ‘‘जिम्मेदार डिजिटल भुगतान के लिए संयुक्त राष्ट्र सिद्धान्तों’ पर एक रिपोर्ट भी जारी की गई। इसमें सरकार, प्रयोगकर्ताओं, उद्योग और कंपनियों को निर्देशित करने वाले सिद्धान्तों के बारे में बताया गया है। रिपोर्ट में वित्तीय प्रौद्योगिकी में महिलाओं की भागीदारी पर भी जोर दिया गया है।’’
वित्त मंत्री ने कहा,‘‘यह रिपोर्ट जारी की गई है। इससे मैं काफी प्रभावित हूं। यह समय की जरूरत है। हमें यह समझने की जरूरत है कि आपस में कनेक्ट होने वाली प्रणाली को लाने की हमारी इच्छा के लिए एक तंत्र को आगे बढ़ाने की जरूरत है, क्योंकि इसमें पारदर्शिता होगी। हमें इन चीजों पर समझौता करने की जरूरत नहीं है।’’ वित्त मंत्री ने कहा कि भारत में फिनटेक की स्वीकार्यता की दर 87 प्रतिशत है, जबकि इसका वैश्विक औसत 64 प्रतिशत का है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि भारत डिजिटल गतिविधियों, डिजिटल भुगतान के लिए प्रमुख गंतव्य है।’’
Latest Business News