A
Hindi News पैसा बिज़नेस सिर्फ 4 महीने में निवेशकों की दौलत 31 लाख करोड़ रुपये बढ़ी, महामारी के बीच भी बाजार में तेजी

सिर्फ 4 महीने में निवेशकों की दौलत 31 लाख करोड़ रुपये बढ़ी, महामारी के बीच भी बाजार में तेजी

30 जुलाई को बीएसई पर लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 235.49 लाख करोड़ रुपये के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचा।

<p>महामारी के बीच भी...- India TV Paisa Image Source : PTI महामारी के बीच भी शेयर बाजार में तेजी

नई दिल्ली। शेयर बाजार में कोरोना का कोई डर देखने को नहीं मिल रहा है, एक तरफ दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाएं कोरोना के बाद खुद को खड़ा करने की कोशिश में है, तो दूसरी तरफ शेयर बाजार में निवेशकों की दौलत तेजी से बढ़ रही है। आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के पहले चार माह में शेयर बाजार के निवेशकों की पूंजी 31 लाख करोड़ रुपये से अधिक बढ़ी है। इसके साथ ही बीएसई पर लिस्टेड सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण भी अपने अब तक के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गये हैं।

कितनी हुई निवेशकों की कमाई 

शेयर बाजार में सकारात्मक रुख के बीच पहले चार माह में निवेशकों की पूंजी में कुल मिलाकर 31,18,934.36 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जुलाई के दौरान बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 3,077.69 अंक या 6.21 प्रतिशत चढ़ा है। सेंसेक्स ने 16 जुलाई, 2021 को अपने सर्वकालिक उच्चस्तर 53,290.81 अंक के स्तर को छुआ था। 15 जुलाई को यह अपने सर्वकालिक उच्चस्तर 53,158.85 अंक पर बंद हुआ था। निवेशकों की सकारात्मक धारणा की वजह से बीएसई की लिस्टेड कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 31,18,394.6 करोड़ रुपये बढ़ा है। 30 जुलाई को बाजार पूंजीकरण 2,35,49,748.90 करोड़ रुपये के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचा। 

क्यों आई बाजार में तेजी

इक्विटी99 के सह-संस्थापक राहुल शर्मा ने कहा, ‘‘निवेशकों की सकारात्मक धारणा के पीछे धन का प्रवाह और लिक्विडिटी प्रमुख वजह है।’’ उन्होंने कहा कि बाजार ने 2020 में बिकवाली के सिलसिले के बाद जबर्दस्त प्रदर्शन किया है। बेंचमार्क सेंसेक्स मार्च, 2020 के अपने निचले स्तर से इस समय दोगुना से अधिक हो गया है। पूरे वित्त वर्ष 2020-21 में बीएसई की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 90,82,057.5 करोड़ रुपये बढ़कर 2,04,30,814.54 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वहीं जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयुमार ने कहा, ‘‘सबसे पहले यह समझने की जरूरत है कि इस समय वैश्विक स्तर पर तेजड़िया बाजार है। मिस्र और ईरान जैसे कुछ बाजारों को छोड़ दिया जाए, तो दुनिया के तमाम बाजारों में तेजी है।’’ उन्होंने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व सहित दुनिया के सभी केंद्रीय बैंकों ने बाजार में जबर्दस्त लिक्विडिटी डाली है। यह बाजारों में तेजी की एक प्रमुख वजह है। 

यह भी पढ़ें: Petrol Diesel Price: क्रूड में उछाल के बीच पेट्रोल डीजल में मिली राहत, क्या रही आज कीमतें 

Latest Business News