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Hindi News पैसा बिज़नेस डाबर अब टूथपेस्ट की पैकिंग में नहीं करेगा कागज का इस्तेमाल, हर साल 150 टन पेपर की होगी बचत!

डाबर अब टूथपेस्ट की पैकिंग में नहीं करेगा कागज का इस्तेमाल, हर साल 150 टन पेपर की होगी बचत!

देश की प्रमुख एफएमसीजी कंपनी डाबर ने पर्यावरण की रक्षा के लिए एक बड़े बदलाव का फैसला किया है।

<p>डाबर अब टूथपेस्ट की...- India TV Paisa Image Source : YOUTUBE डाबर अब टूथपेस्ट की पैकिंग में नहीं करेगा कागज का इस्तेमाल, हर साल 150 टन पेपर की होगी बचत!

नई दिल्ली। देश की प्रमुख एफएमसीजी कंपनी डाबर ने पर्यावरण की रक्षा के लिए एक बड़े बदलाव का फैसला किया है। अब डाबर के टूथपेस्ट कागज के कार्टन में पैक होकर नहीं मिलेंगे। यानि अब आपको सिर्फ डाबल लाल टूथपेस्ट के ट्यूब ही मिलेंगे। कोई पेपर पैकिंग नहीं होगी। यह कदम उठाने वाली डाबर पहली कंपनी है। डाबर इंडिया के मुताबिक कंपनी रेड पेस्ट की बाहरी पेपर पैकेजिंग यानी कार्टन को समाप्त करने की दिशा में काम कर रही है। इससे हर साल 150 टन कागज की बचत हो सकेगी। 

डाबर में वाइस प्रेसिडेंट (मार्केटिंग-पर्सनल केयर) राजीव जॉन का कहना है कि डाबर टूथपेस्ट पर पेपर पैकेजिंग को लेकर उपभोक्ताओं काफी लंबे समय से प्रतिक्रिया दे रहे थे। इसे देखते हुए पर्यावरण के हित में कंपनी ने यह पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। डाबर के इस कदम से सालाना 150 टन पेपर की बचत होने की उम्मीद है। डाबर ग्रामीण भारत के लिए एक बिना कार्टन वाला लो यूनिट प्राइस पैक भी उतार रही है। 

अन्य कंपनियों भी कर चुकी हैं प्रयोग 

पर्यावरण की सुरक्षा और पैकेजिंग पर अनावश्यक बोझ को कम करने के लिए इससे पहले भी कई बड़ी कंपनियों ने अपने पैक में बदलाव लाने की पहल की है। देश की सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनी यूनीलीवर ने डव साबुन के बॉक्स से प्लास्टिक लेयर हटाई थी। इसके साथ ही पॉन्ड्स टैल्क की पैकेजिंग में सिंगल यूज प्लास्टिक कम करने जैसे कदम उठाए थे। इसके साथ ही मदर डेयरी भी दूध के छोटे पैक से होने वाले प्लास्टिक प्रदूषण से बचने के लिए 2 लीटर के मेगा पैक भी लॉन्च कर चुकी है। वहीं बिगबाजार जैसी बड़ी रिटेल चेन कपड़े के थैले उपलब्ध करा रही हैं। 

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