नई दिल्ली। टाटा संस और साइरस मिस्त्री विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) की याचिका रद्द करने के नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) के फैसले पर रोक लगा दी है। अपीलेट ट्रिब्यूनल ने 6 जनवरी को रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) की याचिका खारिज की थी।
आरओसी ने अपील की थी कि टाटा संस को प्राइवेट कंपनी बनाने के मामले में ट्रिब्यूनल 18 दिसंबर के अपने फैसले से 'गैर-कानूनी और रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज की मदद से' शब्द हटा ले। लेकिन, ट्रिब्यूनल ने फैसले में संशोधन से इनकार कर दिया। इससे पहले ट्रिब्यूनल ने कहा था कि टाटा सन्स के बोर्ड ने आरओसी की मदद से कंपनी को पब्लिक से प्राइवेट कंपनी में बदल दिया। यह गैर-कानूनी था।
टाटा-मिस्त्री विवाद में फैसला देते हुए ट्रिब्यूनल ने कहा था कि टाटा संस के बोर्ड ने आरओसी की मदद से कंपनी को पब्लिक से प्राइवेट में बदल दिया, आरओसी का इसकी मंजूरी देना गैर-कानूनी था। NCLAT की टिप्पणी इस निष्कर्ष के संदर्भ में की गई थी कि टाटा संस का "निजी कंपनी" के रूप में रूपांतरण अवैध था। ट्रिब्यूनल ने इस फैसले को गलत बताते हुए मिस्त्री की बहाली के आदेश दिए थे। लेकिन, टाटा संस की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी को ट्रिब्यूनल के फैसले पर रोक लगा दी। टाटा संस अब आरओसी के पक्ष में भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।
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