नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि मौजूदा संकट स्वच्छ ऊर्जा की ओर बदलाव के लिए एक अवसर है। गोयल के पास रेल मंत्रालय का भी प्रभार है। उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे का लक्ष्य दिसंबर, 2023 तक 100 प्रतिशत विद्युतीकरण और 2030 तक शून्य उत्सर्जक बनने का है। सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार गोयल ने ‘कोविड-19 के बाद सतत पुनरोद्धार’ पर एक रिपोर्ट को पेश किए जाने के मौके पर 18 सितंबर को यह बात कही। यह रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) तथा नीति आयोग ने तैयार की है। मंत्री ने कहा, ‘‘यह सही समय है जबकि हम आगे बढ़कर खुद को एक जुझारू तथा सतत भविष्य के लिए तैयार कर सकते हैं। रिपोर्ट में यही उल्लेख किया गया है। मौजूदा संकट का इस्तेमाल स्वच्छ ऊर्जा की ओर सुगम, तेज और जुझारू तरीके से रुख करने के किया जा सकता है।’’ इसी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कान्त ने कहा कि 2008-09 के वित्तीय संकट के बाद कुल प्रोत्साहन उपायों में हरित पहल का हिस्सा करीब 16 प्रतिशत है। उन्होंने कहा, ‘‘महामारी से उबरने के लिए हमें स्वच्छ निवेश के लिए अधिक महत्वाकांक्षी और निर्णायक होना चाहिए।’’ रिपोर्ट में कई ऐसे क्षेत्रों को जिक्र है जो आने वाले समय में रोजगार बढ़ाने में मदद करेंगे, इसमें बिजली, यातायात, इमारतें, स्वच्छ ऊर्जा और इनोवेशन है, इन क्षेत्रों में सरकारी नीतियों और निवेश की मदद से अर्थव्यवस्था को काफी फायदा होगा और नए रोजगार भी मिलेंगे।
पिछले महीने के अंत में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने कहा था कि सभी के लिए सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा सुनिश्चित करने के सतत विकास लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारत एक बड़ा कारोबारी केंद्र बन सकता है। उन्होने कहा था कि नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य को बढ़ाने के फैसले से भारत और अधिक विदेशी निवेशकों को अपनी ओर आकर्षिक करेगा।
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