नई दिल्ली। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के जीडीपी ग्रोथ के संशोधित अग्रिम अनुमान कल जारी करेगा। दिसंबर तिमाही के इन आंकड़ों में नोटबंदी का प्रभाव सामने आने की उम्मीद है।
सीएसओ कल अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के जीडीपी आंकड़े जारी करेगा। इस दौरान देश में नोटबंदी की वजह से नकदी की काफी तंगी बाजार में हुई थी। सरकार ने गत आठ नवंबर को 500 और 1,000 रुपए के नोट अचानक चलन से हटा दिए थे।
नोटबंदी के चलते अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को भांपते हुए कई शोध संस्थानों और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत से कम रहने का अनुमान व्यक्त किया है।
- हालांकि, सीएसओ ने छह जनवरी को जारी जीडीपी वृद्धि के अग्रिम आंकड़ों में वर्ष के दौरान 7.1 प्रतिशत वृद्धि रहने का अनुमान लगाया है।
- सीएसओ के लिए चालू वित्त वर्ष पिछले सालों की तुलना में हटकर रहा है।
- हर साल सीएसओ जीडीपी वृद्धि के अग्रिम आंकड़े फरवरी के पहले सप्ताह में पेश करता रहा है।
- लेकिन इस साल आम बजट पहली फरवरी को पेश किया गया इसलिए सीएसओ को अग्रिम आंकड़े भी करीब एक महीना पहले जारी करने पड़े।
- जनवरी 2017 में जीडीपी वृद्धि के अग्रिम आंकड़े जारी करते हुए नोटबंदी के असर को इसमें शामिल नहीं किया गया था।
- रिजर्व बैंक ने भी इस महीने की शुरुआत में जारी मौद्रिक समीक्षा में चालू वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि दर को घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया।
- हालांकि अगले वित्त वर्ष के लिए 7.4 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया गया है।
- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान घटाकर 6.6 प्रतिशत रखा है।
- उसने कहा कि नोटबंदी के कारण गतिविधियों में अस्थायी व्यावधान आने से जीडीपी वृद्धि की रफ्तार धीमी पड़ी है।
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