नई दिल्ली। डिजिटल भुगतान क्षेत्र की प्रमुख कंपनी पेपाल ने गुरुवार को कहा कि ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी द्वारा लाए गए तकनीकी बदलाव वित्तीय सेवाओं को लोकतांत्रिक बनाने और अधिक वित्तीय समावेशन में मदद कर सकते हैं। पेपाल ने यह भी कहा कि साइबर सुरक्षा को लेकर उसके पास आक्रामक और रक्षात्मक रणनीति है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उसका मंच उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षित है।
पेपाल ईवीपी और मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी श्री शिवानंद ने कहा कि कंपनी द्वारा तैयार किया जा रहा बुनियादी ढांचा न केवल डिजिटल मुद्राओं का समर्थन करेगा, बल्कि समय के साथ सभी केंद्रीय बैंकों की डिजिटल मुद्राओं का समर्थन करने का इरादा भी है। शिवानंद ने एक आभासी संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी में भी बहुत दिलचस्पी रखते हैं। हम वास्तव में सोचते हैं कि यह प्रौद्योगिकी में एक बड़ा बदलाव है, जो हमें वित्तीय सेवाओं को लोकतांत्रिक बनाने और दुनिया भर के उन 1.8 अरब लोगों के लिए वित्तीय समावेशन को संभव बनाने में मदद करेगा, जो वर्तमान व्यवस्था में शामिल नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्य लक्ष्य डिजिटल परिसंपत्तियों की पहुंच और उपयोगिता को बढ़ाना और आगे चलकर धन के प्रबंधन की सुविधा प्रदान करना है। पेपाल वर्तमान में चार क्रिप्टोकरेंसी का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी की अभी शुरुआत है और आगे बढ़ने के लिए इस क्षेत्र में अभी बहुत कुछ सीखने व करने की आवश्यकता है।
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल या वर्चुअल मुद्रा है, जिसमें उनकी यूनिट को जनरेट करने और फंड के ट्रासंफर को वेरीफाई करने में एनक्रिप्शन तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। आरबीआई ने 2018 में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगा दिया था और सभी को वर्चुअल मुद्रा में लेनदेन को रोकने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में केंद्र से क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक नीति बनाने को कहा और 2020 में आरबीआई द्वारा क्रिप्टोकरेंसी पर लगाए गए प्रतिबंध को समाप्त कर दिया।
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