नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से हुई बढ़ोतरी की वजह से घरेलू स्तर पर पेट्रोल और डीजल के और महंगा होने का खतरा बढ़ गया है, विदेशी बाजार में कच्चे तेल का भाव करीब 43 महीने के ऊपरी स्तर पर पहुंच गया है, ऊपर से घरेलू करेंसी रुपए पर भी दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है, इन हालात में तेल कंपनियों पर विदेशों से कच्चा तेल खरीदने की लागत बढ़ गई है और वह इस लागत को ग्राहकों से वसूलने के लिए पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ा सकती हैं। फिलहाल एक हफ्ते से देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं हुई है।
कच्चे तेल और रुपए का हाल
कच्चे तेल की बात करें तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में अमेरिकी कच्चा तेल 75 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गया है जो नवंबर 2014 के बाद सबसे अधिक भाव है, ब्रेंट क्रूड का भाव भी 78 डॉलर प्रति बैरल के करीब है। ऊपर से भारतीय करेंसी रुपए पर लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है, रुपए में आज भी करीब 11 पैसे की कमजोरी देखी जा रही है और डॉलर का भाव 68.91 रुपए के करीब है। तेल कंपनियों को आयात हुए कच्चे तेल का भुगतान डॉलर में करना होता है जिसके लिए रुपये देकर डॉलर खरीदने पड़ते हैं, अब क्योंकि डॉलर महंगा हो गया है तो तेल कंपनियों को ज्यादा रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं।
फिलहाल ऐसा है दाम
फिलहाल देश में करीब 8 दिन से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं हुई है, मंगलवार को भी दिल्ली में पेट्रोल का भाव 75.55 रुपए, कोलकाता में 78.23 रुपए, मुंबई में 82.94 रुपए और चेन्नई में 78.40 रुपए दर्ज किया गया है, डीजल की बात करें तो मंगलवार को दिल्ली में इसका दाम 67.38 रुपए, कोलकाता में 69.93 रुपए, मुंबई में 71.49 रुपए और चेन्नई में 71.12 रुपए प्रति लीटर दर्ज किया गया है।
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