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Hindi News पैसा बिज़नेस क्या कच्चा तेल 300 डॉलर का स्तर छू सकता है? अंतरराष्ट्रीय जानकार ने जताई आशंका

क्या कच्चा तेल 300 डॉलर का स्तर छू सकता है? अंतरराष्ट्रीय जानकार ने जताई आशंका

मौजूदा समय में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव 75 डॉलर प्रति बैरल के करीब है और घरेलू स्तर पर पेट्रोल का दाम 75-80 रुपए प्रति लीटर है, अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम 300 डॉलर तक पहुंचता है तो घरेलू स्तर पर पेट्रोल की कीमतों के भी 300 रुपए प्रति लीटर के पार पहुंचने से इनकार नहीं किया जा सकता।

Crude oil price- India TV Paisa Crude oil price at USD 300 is not Impossible says Pierre Andurand

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी की वजह से घरेलू स्तर पर पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने की खबरों के बीच एक ऐसी खबर आई है जो पेट्रोल-डीजल खरीदने वालों को अबतक का सबसे बड़ा झटका दे सकती है। कच्चे तेल की मार्केट के बड़ा अंतरराष्ट्रीय जानकार और कच्चे तेल से जुड़े फंड्स को मैनेज करने वाले फंड मैनेजर पैरी एंडुरैंड ने कहा है कि परिस्थितियां खराब हुई तो कच्चे तेल का भाव 300 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचने से इनकार नहीं किया जा सकता।

मौजूदा समय में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव 75 डॉलर प्रति बैरल के करीब है और घरेलू स्तर पर पेट्रोल का दाम 75-80 रुपए प्रति लीटर है, अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम 300 डॉलर तक पहुंचता है तो घरेलू स्तर पर पेट्रोल की कीमतों के भी 300 रुपए प्रति लीटर के पार पहुंचने से इनकार नहीं किया जा सकता।

पैरी एंडुरैंड ने कहा है कि कच्चे तेल का भाव निचले स्तर पर होने की वजह से कई कंपनियां इससे जुड़े प्रोजेक्ट्स में लंबी अवधि का निवेश करने से परहेज कर रही हैं, साथ में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिस तरह से इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग बढ़ने लगी है उसे देखते हुए भी कच्चे तेल से जुड़े प्रोजेक्ट्स में निवेश घट रह है। पैरी एंडुरैंड ने आशंका जताई की अगर स्थिति ऐसी ही बनी रही तो इससे कच्चे तेल की सप्लाई घटेगी जिससे आने वाले कुछ वर्षों में कच्चे तेल का भाव 300 डॉलर तक पहुंचने से इनकार नहीं किया जा सकता।

हालांकि पैरी एंडुरैंड ने यह भी कहा कि भाव अगर 100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचता है तो इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचेगा। और भाव 100 डॉलर के ऊपर जाता है तो अमेरिका के बाहर कच्चे तेल से जुड़े प्रोजेक्ट्स में निवेश बढ़ सकता है।

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