नई दिल्ली। क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट और गहराती जा रही है। सोमवार को ब्रेंट क्रूड की कीमतें 11 साल के निचले स्तर पर आ गईं। क्रूड की कीमतों में आई गिरावट की मुख्य वजह ग्लोबल स्तर पर ओवर सप्लाई और स्पेन में अनिर्णायक आम चुनाव को माना जा रहा है। एनालिस्टों के मुताबिक क्रूड ऑयल का ग्लोबल उत्पादन अभी भी रिकॉर्ड स्तर पर है, वहीं ईरान और अमेरिका से नई सप्लाई शुरू हो गई है। इसके अलावा अमेरिका में ब्याज दरें और स्टॉक बढ़ने से क्रूड की कीमतों पर दोहरी मार पड़ रही है। क्रूड की कीमतों में आई भारी गिरावट से देश की ऑयल मार्केटिंग कंपनियों पर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती का दबाव बन रहा है। ऐसे में नए साल में आपको सस्ते पेट्रोल-डीजल का तोहफा मिल सकता है।
2004 के निचले स्तर पर कीमत और गिरावट संभव
सोमवार को ब्रेंट क्रूड 2 फीसदी की गिरावट के साथ 36.06 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया, जो कि 2004 का निचला स्तर है। 2008 की आर्थिक के समय क्रूड की कीमतें 36.20 डॉलर प्रति बैरल तक आ गई थी। डब्ल्यूटीआई क्रूड 0.75 फीसदी की गिरावट के साथ 34.70 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है। मांग के मुकाबले उत्पादन ज्यादा होने के कारण 2014 मध्य से अब तक की कीमतें दो-तिहाई से ज्यादा गिर चुकी हैं। बार्कलेज के मुताबिक क्रूड की कीमतों में आगे भी गिरावट जारी रह सकती है।
क्रूड ऑयल होगा पानी-पानी
मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि 2016 में डिमांड और सप्लाई का गणित और बिगड़ सकता है, जिसका नकारात्मक असर क्रूड ऑयल की कीमतों पर पड़ेगा। मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक अगले साल अमेरिका में क्रूड का उत्पादन बढ़ेगा। दूसरी ओर 2016 की पहली तिमाही में कम से कम 5 लाख बैरल रोजाना ईरान का तेल बाजार में आएगा। इसके अलावा लीबिया में उत्पादन का बढ़ना और डिमांड में कमी ग्लोबल स्तर पर क्रूड की सप्लाई और बढ़ा देगा। मुख्य उत्पादक देश, रूस और पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) मांग के मुकाबले हजारों बैरल रोजाना अधिक क्रूड ऑयल उत्पादन कर रहा है। रूस में उत्पादन 10 लाख बैरल प्रति दिन के पार पहुंच गया है। वहीं, ओपेक का क्रूड उत्पादन रिकॉर्ड 100 लाख बैरल रोजाना है।
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