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Hindi News पैसा बिज़नेस GST के छह महीने बाद स्थिर होंगे घरेलू उद्योग, 3 साल के बाद मिलेगा फायदा: क्रिसिल

GST के छह महीने बाद स्थिर होंगे घरेलू उद्योग, 3 साल के बाद मिलेगा फायदा: क्रिसिल

क्रिसिल ने कहा कि GST लागू होने के बाद उद्योगों में स्थिरता में छह महीने का वक्त लगेगा। इस नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था सुधार के लाभ 3 साल के बाद सामने आएंगे।

GST के छह महीने बाद स्थिर होंगे घरेलू उद्योग, 3 साल के बाद मिलेगा फायदा: क्रिसिल- India TV Paisa GST के छह महीने बाद स्थिर होंगे घरेलू उद्योग, 3 साल के बाद मिलेगा फायदा: क्रिसिल

मुंबई।घरेलू रेटिंंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा कि वस्तु एवं सेवाकर (GST) लागू होने के बाद उद्योगों में स्थिरता में छह महीने का वक्त लगेगा लेकिन इस नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था सुधार के लाभ तीन साल के बाद सामने आएंगे।

क्या कहती है रिपोर्ट
क्रिसिल की शोध इकाई ने कहा, नई कर व्यवस्था के तहत औद्योगिक स्थिरता में दो तिमाही का वक्त लगेगा। हालांकि, जीएसटी के व्यापार, कंपनी की रणनीतियों को होने वाले लाभ एक से तीन साल की मध्यावधि में ही दिखेंगे।

GST के बाद क्या होगा फायदा

1.देश की GDP ग्रोथ बढ़ने की उम्मीद
वित्त मंत्री अरुण जेटली के मुताबिक GST लागू होने के बाद सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का आकार बढ़ेगा और यह अधिक साफ सुथरी होगी। जीएसटी देश का सबसे बड़ा टैक्स सुधार है जिसे केन्द्र सरकार एक जुलाई 2017 से लागू करने की कोशिश कर रही है। इससे वस्तु एवं सेवाकर के क्षेत्र में अहम बदलाव देखने को मिलेंगे। खासतौर पर इसे लागू करने के बाद केन्द्र सरकार के राजस्व में इजाफा होगा।

2. आम आदमी के साथ-साथ कारोबारियों को भी होगा फायदा
जीएसटी लागू होने के बाद कारोबारी के लिए सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि उसे पूरे देश में एक समान टैक्स अदा करना पड़ेगा। वहीं, मौजूदा समय में एक राज्य से दूसरे राज्य में कारोबार करने में व्यवसाइयों को कई तरह के टैक्स अदा करने पड़ते हैं। जीएसटी का सबसे बड़ा फायदा उपभोक्ताओं को होगा। जीएसटी लागू हो जाने के बाद जिस और सेवायें कुछ सस्ती और अधिक सुविधाजनक हो जाएंगी।

3.GST से देश में सरल हो जाएगा टैक्स सिस्टम
जीएसटी लागू होने के बाद अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में इस समय जो जटिल कर प्रणाली है, वह दुनिया की सबसे सरल कर प्रणाली बन जाएगी। आर्थिक वृद्धि के बारे में जेटली ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेज गति से वृद्धि दर्ज करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में बना रहेगा।

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