नई दिल्ली। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत के लिए अपने आर्थिक वृद्धि के अनुमान में कटौती की है। क्रिेसिल ने चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर को 0.2 प्रतिशत घटा दिया है।
रेटिंग एजेंसी ने जून के दौरान दर्ज की गई धीमी वैश्विक वृद्धि और देश में कमजोर मानसून के बीच आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 7.1 प्रतिशत से घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है। पहली तिमाही के कमजोर आंकड़ों ने भी एजेंसी द्वारा वृद्धि अनुमान घटाने में अहम भूमिका निभाई है।
रिफाइनरी प्रोडक्ट्स जैसे प्रमुख क्षेत्र के उत्पादन में संकुचन देखा गया है और रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू मांग कमजोर है, उपभोक्ता अर्थव्यवस्था और औद्योगिक क्षेत्र में मंदी है, जबकि एनबीएफसी कमजोर बना हुआ है और निवेश भी निचले स्तर पर आ गया है।
क्रिसिल ने सुझाव दिया है कि निकट अवधि में विकास को प्रोत्साहित करने के लिए मौद्रिक नीति पर ध्यान केंद्रित करना होगा। भारतीय रिजर्व बैंक देश के वृद्धि लक्ष्य को हासिल करने के लिए अपनी समीक्षा बैठक में नीति गत ब्याज दरों में और कटौती पर विचार कर सकता है।
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