चेन्नई। नए साल में घर का सपना महंगा होने वाला है। कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) का कहना है कि कच्चे माल के दाम बढ़ने से उत्पादन लागत में वृद्धि की वजह से संपत्ति की कीमतें बढ़ने की संभावना है।
क्रेडाई चेन्नई के अध्यक्ष सुरेश कृष्ण ने कहा कि कच्चे माल जैसे कि रेत, जो पहले 35 रुपए घनफुट में उपलब्ध थी, आज उसका दाम 135 रुपए घनफुट पर पहुंच गया है। वहीं सीमेंट के बैग का दाम 270 रुपए बढ़कर 330 रुपए हो गया है। कृष्ण ने कहा कि हमारा मानना है कि कच्चे माल की लागत बढ़ने की वजह से संपत्ति कीमतों में बढ़ोतरी तय है।
ऐसे में रियल एस्टेट डेवलपर्स इस अतिरिक्त उत्पादन लागत का बोझ घर के खरीदारों पर डालेंगे। उन्होंने कहा कि इस्पात के दाम भी 34,000 रुपए प्रति टन से बढ़कर 47,000 रुपए प्रति टन हो गए हैं। उन्होंने कहा कि कच्चे माल की इस मूल्यवृद्धि की वजह से निर्माण की प्रति वर्ग फुट लागत करीब 400 रुपए बढ़ने का अनुमान है।
घरेलू कंपनियों ने इस साल अप्रैल-नवंबर में पात्र संस्थागत नियोजन के जरिये जुटाए 46,000 करोड़ रुपए
घरेलू कंपनियों ने चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के दौरान संस्थागत निवेशकों को शेयर जारी कर 46,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जुटाई है। यह पिछले साल के मुकाबले 11 गुना अधिक है। कंपनियों ने वित्त वर्ष 2016-17 के पहले आठ महीनों में 4,318 करोड़ रुपए जुटाए थे।
सेबी के पास उपलब्ध आंकड़े के अनुसार सूचीबद्ध कंपनियों ने वित्त वर्ष 2017-18 के पहले आठ महीनों में पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) के जरिये 46,675 करोड़ रुपए जुटाए। पूरे वित्त वर्ष 2016-17 की तुलना में भी यह पांच गुना अधिक है। पिछले वित्त वर्ष में कंपनियों ने 8,464 करोड़ रुपए जुटाए थे।
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