गीतांबर आनंद
राष्ट्रीय अध्यक्ष, क्रेडाई
केंद्र सरकार हाउसिंग सेक्टर को लेकर काफी उत्साहित है। इस कारण रियल एस्टेट सेक्टर को भी अंतत: अब वह तवज्जो मिल रही है जिसकी इसे दरकार थी। उद्योग से जुड़े लोगों को अब उम्मीद है कि इस कारण अब नीतिगत स्तर पर कुछ सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे। खास तौर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबके लिए आवास’ और रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट जैसी पहल के परिप्रेक्ष्य में रियल एस्टेट सेक्टर को उम्मीद है कि सरकार उनके लिए कुछ ऐसा करेगी जो प्रोत्साहक होगा।
टैक्स में बड़े बदलावों की है उम्मीद
क्रेडाई को उम्मीद है कि यह सब टैक्स में होने वाले बदलावों के रूप में नजर आएगा। इसका एक बड़ा हिस्सा सस्ते आवास की श्रेणी से निर्देशित होगा। इस साल सबसे बड़ी आशा यह है कि हाउसिंग सेक्टर को एक पहचान मिलेगी खास तौर से सस्ते आवास क्षेत्र को। इसे इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा दिया जा सकता है जिससे संस्थागत फाइनेंस तक पहुंच आसान हो जाएगी।
हटाए जाएं ऐसे प्रावधान जिनकी अब जरूरत नहीं
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंट्रेस्ट सबवेंशन की घोषणा की। 2016-17 के बजट में भी सरकार ने इस सेक्टर पर गौर किया था। इससे स्पष्ट होता है कि सरकार रियल एस्टेट सेक्टर की बेहतरी और उसकी ग्रोथ संभावनाओं को अच्छे से पहचान चुकी है। अब उम्मीद है कि धारा 43सीए, जिसमें हालिया मूल्यों से कम मूल्य पर बिक्री पर टैक्सेशन का प्रावधान है, के साथ-साथ धारा 194 को भी हटा दिया जाएगा। धारा 194 में 50 लाख रुपए मूल्य से अधिक की प्रॉपर्टी पर एक फीसदी टीडीएस का प्रावधान है। नोटबंदी के बाद रियल एस्टेट बाजार के तर्कसंगत होने से ऐसे प्रावधान एक खरीदार के लिए उचित नहीं हैं।
रियल एस्टेट सेक्टर को प्रोत्साहित करने के लिए बजट एक बेहतरीन अवसर
रियल एस्टेट सेक्टर को प्रोत्साहन देने के लिए आम बजट सरकार के लिए एक बेहतरीन अवसर है। इसके जरिए सरकार प्रोत्साहक, समावेशी और वृद्धि के लायक एक तंत्र बना सकती है। हम उम्मीद करते हैं कि सरकार सिर्फ अंतिम उपभोक्ताओं को ही इंसेंटिव नहीं देगी बल्कि संस्थागत और व्यक्तिगत निवेशकों के लिए भी ऐसे कदम उठाएगी जिससे रियल एस्टेट सेक्टर एक व्यवहार्य इंवेस्टमेंट एसेट में बदल सकेगा।
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