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Hindi News पैसा बिज़नेस Rising Inflation: 17 महीने की ऊंचाई पर पहुंची रिटेल महंगाई दर, दाल और सब्‍जी से लेकर मसाले तक हुए महंगे

Rising Inflation: 17 महीने की ऊंचाई पर पहुंची रिटेल महंगाई दर, दाल और सब्‍जी से लेकर मसाले तक हुए महंगे

खाने पीने की वस्‍तुओं में जारी महंगाई ने एक और रिकॉर्ड बना दिया है। जनवरी में महंगाई दर 5.69 फीसदी पर पहुंच गई। यह पिछले 17 महीनों में उच्‍चतम स्‍तर है।

Rising Inflation: 17 महीने की ऊंचाई पर पहुंची रिटेल महंगाई दर, दाल और सब्‍जी से लेकर मसाले तक हुए महंगे- India TV Paisa Rising Inflation: 17 महीने की ऊंचाई पर पहुंची रिटेल महंगाई दर, दाल और सब्‍जी से लेकर मसाले तक हुए महंगे

नई दिल्‍ली। खाने पीने की वस्‍तुओं में जारी महंगाई ने नए साल पर एक और रिकॉर्ड बना दिया है। जनवरी में रिटेल महंगाई दर 5.69 फीसदी पर पहुंच गई। यह महंगाई का पिछले 17 महीनों में सबसे उच्‍चतम स्‍तर है। सरकार की ओर से आज जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने दाल, सब्‍जी, मसाले, मांस, मछली सभी की कीमतों में तेजी दर्ज की गई। जिसके चलते जनवरी में कंज्‍यूमर प्राइस इंडेक्‍स(सीपीआई) कंबाइंड फूड इंफ्लेशन 6.40 फीसदी से बढ़कर 6.85 फीसदी पर पहुंच गया।

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दाल, सब्‍जी से लेकर मसाले तक महंगे

शुक्रवार को जारी आंकड़े के मुताबिक सीपीआई आंकड़ों में तेजी के पीछे मुख्‍य वजह खाने पीने की जरूरी वस्‍तुओं की कीमत में तेज उछाल है। जनवरी में दाल, मांस, मछली, मसाले और पैकेज्‍ड फूड की कीमतों में तेजी देखी गई। जनवरी में सबसे ज्‍यादा 10.56 फीसदी की तेजी मसालों की कीमतों में देखी गई। इसके अलावा फुटवियर की कीमतों में 5.71 और ईंधन की कीमत में 5.32 फीसदी का उछाल देखा गया।

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शहरों से ज्‍यादा गांवों में बढ़ी महंगाई

बीते महीने में रूरल इंफ्लेशन रेट में भी वृद्धि देखी गई। यह पिछले महीने 6.32 फीसदी थी। जो कि इस महीने बढ़कर 6.48 फीसदी पर पहुंच गई। वहीं शहरी महंगाई दर भी 4.73 फीसदी के मुकाबले 4.81 फीसदी पर पहुंच गई। जनवरी में कंबाइंड बेवरेज इंफ्लेशन 6.66 फीसदी रहा। वहीं कंबाइंड कोर इंडेक्‍स में दिसंबर से जनवरी में कोई बदलाव नहीं हुआ। यह 4.7 फीसदी पर स्थिर रही।

औद्योगिक उत्पादन में लगातार दूसरे महीने गिरावट  

औद्योगिक उत्पादन में लगातार दूसरे महीने गिरावट दर्ज हुई है। नवंबर के बाद दिसंबर में औद्योगिक उत्पादन पिछले साल इसी माह की तुलना में 1.3 प्रतिशत कम रहा और इस गिरावट में मुख्य रूप से विनिर्माण और पूंजीगत सामान क्षेत्र में संकुचन का योगदान है। नवंबर 2015 मैं औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) 3.4 प्रतिशत घटा था और दिसंबर, 2014 में औद्योगिक उत्पादन में 3.6 प्रतिशत वृद्धि हुई थी। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर अवधि में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 3.1 प्रतिशत रही, जो इससे पिछले साल इसी दौरान 2.6 प्रतिशत रही थी।

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