नई दिल्ली। भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने शनिवार को कहा कि स्वतंत्रता के बाद कोविड-19 देश की शायद सबसे बड़ी चुनौती है तथा विभिन्न कारणों के चलते सरकार कई जगहों पर मौजूद नहीं रही। दिल्ली में यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो सेंटर द्वारा आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र में दिवालिया घोषित करने के लिए एक त्वरित प्रक्रिया की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘‘महामारी के चलते भारत के लिए यह त्रासदी भरा समय है। आजादी के बाद कोविड-19 शायद देश की सबसे बड़ी चुनौती है। देश में हाल के सप्ताह में लगातार तीन लाख से अधिक मामले सामने आये हैं और मृतकों की संख्या भी लगातार बढ़ी हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस महामारी का एक प्रभाव एक यह रहा कि विभिन्न कारणों से हमने सरकार की मौजूदगी नहीं देखी।’’ पूर्व आरबीआई गवर्नर के कहा कि महामारी के बाद यदि हम समाज के बारे में गंभीरता से सवाल नहीं उठाते हैं तो यह महामारी जितनी बड़ी त्रासदी होगी।
कोविड की लहर धीमी पड़ी, मरने वालों की संख्या में बढ़त जारी
भारत में एक दिन में कोविड-19 के 3.11 लाख मामले आने से संक्रमण के कुल मामले 2,46,84,077 पर पहुंच गए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सुबह आठ बजे तक जारी आकंड़ों के अनुसार, एक दिन में 3,11,170 मरीज संक्रमित पाए गए हैं, जबकि 4,077 और लोगों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या 2,70,284 पर पहुंच गई है। आंकड़ों के अनुसार, कोविड-19 का उपचार करा रहे मरीजों की संख्या कम होकर 36,18,458 हो गई है जो संक्रमण के कुल मामलों का 14.66 प्रतिशत है। कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले लोगों की राष्ट्रीय दर में सुधार हुआ है और यह 84.25 प्रतिशत है। इस महामारी से उबरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 2,07,95,335 हो गई है जबकि मृत्यु दर 1.09 प्रतिशत दर्ज की गई। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के मुताबिक, 15 मई तक 31,48,50,143 नमूनों की जांच की गई है जिनमें से 18,32,950 नमूनों की शनिवार को जांच की गई।
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