वाशिंगटन। वर्ल्ड बैंक ने गुरुवार को कहा है कि कोरोना वायरस महामारी एवं वैश्विक आर्थिक मंदी के कारण भारत प्रेषित की जाने वाली धन राशि नौ प्रतिशत गिरकर 76 अरब अमेरिकी डॉलर रह जाएगी। वर्ल्ड बैंक की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेशों से भेजे जाने वाले धन के मामले में भारत के बाद चीन, मैक्सिको, फिलिपीन और मिस्र 2020 में शीर्ष पांच देशों में शुमार हैं।
वर्ल्ड बैंक ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि दुनिया भर में कोविड-19 महामारी एवं आर्थिक संकट जारी रहने के बीच 2019 की तुलना में विदेशों में काम करने वाले लोगों द्वारा अपने घर भेजे जाने वाले धन में 2021 तक 14 प्रतिशत की कमी आएगी।
गैर-खाद्य बैंक ऋण वृद्धि सितंबर में घटकर 5.8 प्रतिशत रही
बैंकों से गैर-खाद्य कर्ज की वृद्धि सितंबर माह में कम होकर 5.8 प्रतिशत रह गई। एक साल पहले इसी माह में इस तरह के रिण में 8.1 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक सितंबर 2020 में उद्योगों को कर्ज में कोई वृद्धि नहीं हुई जिसमें एक साल पहले 2.7 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी। हालांकि, उद्योगों में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, पेट्रोलियम, कोयला उत्पाद एवं परमाणु ईंधन, चमड़ा एवं चमड़ा उत्पाद, लकड़ी एवं लकड़ी उत्पादों, कागज एवं कागज के उत्पादों की रिण वृद्धि सितंबर 2020 में एक साल पहले के मुकाबले वृद्धि बढ़ी है।
वहीं दूसरी तरफ पेय एवं तंबाकू, निर्माण, अवसंरचना, रबड़ प्लास्टिक और उनके उत्पादों, रसायन एवं रासायनिक उत्पादों, ग्लास और ग्लास के सामान, सभी तरह के इंजीनियरिंग सामानों के उद्योग क्षेत्र में ऋण वृद्धि घटी है अथवा कर्ज में कमी आई है। कृषि और कृषि से संबंधित गतिविधियों में सितंबर 2020 में ऋण वृद्धि 5.9 प्रतिशत रही। वर्ष 2019 में इस क्षेत्र की रिण वृद्धि 7 प्रतिशत रही थी। वहीं गिरावट के रुझान को धत्ता बताते हुए सेवा क्षेत्र में ऋण वृद्धि 9.1 प्रतिशत रही, जो कि सितंबर 2019 में 7.3 प्रतिशत रही थी।
सेवा क्षेत्र में कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर, व्यापार एवं पर्यटन, होटलों और रेस्त्रां में सितंबर 2020 की रिण वृद्धि एक साल पहले के मुकाबले बढ़ी है। वहीं व्यक्तिगत कर्ज में इस दौरान 9.2 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई जो कि एक साल पहले 16.6 प्रतिशत बढ़ी थी। वाहन ऋण का प्रदर्शन लगातार बेहतर रहा।
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