अहमदाबाद। देश में कोविड-19 की दूसरी लहर बढ़ने के साथ ही वेंटिलेटर की मांग फिर जोर पकड़ने लगी है और इसके चलते विनिर्माताओं ने इस जीवन रक्षक उपकरण का उत्पादन बढ़ा दिया है। जानकारों के अनुसार पहले जहां 10 से 15 दिनों में मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती थी। वहीं अब तो सिर्फ 5 दिनों में ही इसकी जरूरत पड़ रही है।
इस उद्योग से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए गुजरात में वेंटिलेटर विनिर्माता उत्पादन में तेजी ला रहे हैं। कोरोना वायरस संक्रमण के दैनिक मामलों में बढ़ोतरी के साथ ही वेंटिलेटर की मांग जनवरी और फरवरी में तेजी से बढ़ी है। वडोदरा स्थित मैक्स वेंटीलेटर के संस्थापक और सीईओ अशोक पटेल ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की ताजा लहर के कारण वेंटिलेटर की मांग बढ़ रही है।’’ उन्होंने कहा कि मौजूदा लहर में कुछ रोगियों पर गंभीर असर पड़ रहा है।
पटेल ने कहा, ‘‘इस लहर में, मरीजों को संक्रमण होने के पांच से छह दिनों के बाद वेंटिलेटर की जरूरत पड़ रही है, जबकि पहले वेंटीलेटर की आवश्यकता 10 से 15 दिनों के बाद होती थी।’’ उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी ने उत्पादन को प्रति माह 400 वेंटिलेटर तक बढ़ाया है, जो इस साल के पहले दो महीनों के दौरान बहुत कम था। कंपनी की आईसीयू वेंटिलेटर बनाने की क्षमता मार्च 2020 में सिर्फ 20 यूनिट प्रति माह थी। अब इस क्षमता को बढ़ाकर 1,000 इकाई प्रति माह तक कर दिया गया है।
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