कोविड-19 और विदेशी आर्थिक संकेतों से तय होगी शेयर बाजार की दिशा
एफएंडओ अनुबंधों की एक्सपायरी के चलते शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव की संभावना
नई दिल्ली। घरेलू शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह कोविड-19 से जुड़ी गतिविधियों, अगस्त महीने में एफएंडओ अनुबंधों की एक्सपायरी और विदेशी अर्थव्यवस्थाओं से जुड़े संकेतों से तय होगी। बीते हफ्ते कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच बेहतर विदेशी संकेतों से घरेलू बाजार में तेजी देखने को मिली थी। जानकार इस हफ्ते भी विदेशी संकेतों को अहम मान रहे हैं, हालांकि एफएंडओ अनुबंधों की एक्सपायरी की वजह से बाजार में उतार-चढ़ाव की भी संभावना जताई जा रही है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लि.के उपाध्यक्ष (शोध) अजीत मिश्रा ने कहा, ‘‘निवेशकों की कोविड-19 की स्थिति पर नजर होगी। इसके बीच हमारा मानना है कि अगस्त महीने के एफएंडओ अनुबंधों को पूरा करने लिये खरीद-बिक्री के कारण बाजार में अधिक उतार-चढ़ाव रह सकता है।’’ वहीं मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि कोरोना वायरस मामलों के अलावा निवेशकों की नजर ग्लोबल रिकवरी और अमेरिका-चीन तनाव पर भी होगी। उन्होंने कहा कि बाजार में निकट भविष्य में तेजी रह सकती है। हालांकि हाल की तेजी को देखते हुए मुनाफावसूली की भी संभावना बनी हुई है इसके अलावा वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम, डॉलर के मुकाबले रुपये की प्रदर्शन और विदेशी पूंजी प्रवाह पर भी निवेशकों की नजर होगी।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि भारतीय बाजारों का वैश्विक बाजारों के साथ मजबूत तालमेल दिख रहा है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर बाजार उम्मीदों और नकदी के दम पर बढ़ रहा है। आर्थिक गतिविधियों में तेजी और आय के सामान्य होने की उम्मीद को वास्तविकता में भी दिखना होगा या कम-से-कम उसका संकेत स्पष्ट होने की जरूरत है, तभी बाजार मौजूदा तेजी के स्तर को बरकरार रख पाएगा। कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी की कोष प्रबंधक और इक्विट शोध प्रमुख शिवानी सरकार कुरियन ने कहा, ‘‘आथिक संकेतकों में सुधार की गति के साथ कोविड-19 के लिये टीका या उससे जुड़ी गतिविधियां बाजार की दिशा को निर्धारित करेंगी।’’