नई दिल्ली। शक्तिशाली जीएसटी परिषद भविष्य में बिजली, पेट्रोलियम उत्पादों और अन्य कुछ वस्तुओं को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार करेगी। यह बात आज बिहार के वित्त मंत्री सुशील मोदी ने कही।
उद्योग मंडल फिक्की की सालाना बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि बिजली, रियल एस्टेट, स्टाम्प ड्यूटी और पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के तहत लाया जा सकता है। जीएसटी परिषद इसके लिए प्रयासरत है। हालांकि, उन्होंने इसके लिए कोई समयसीमा बताने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि इन चीजों को जीएसटी में संविधान में संशोधन के बिना शामिल किया जाएगा।
मोदी ने कहा कि यदि पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के तहत लाया जाता है, तो इस पर उस समय लागू ऊंचा कर स्लैब लगेगा। इसके अलावा राज्यों को भी अपने राजस्व के संरक्षण के लिए उपकर लगाने की आजादी होगी। राज्य और केंद्र अपना 40 प्रतिशत राजस्व पेट्रोलियम उत्पादों से हासिल करते हैं। उन्होंने संकेत दिया कि आगे चलकर कर संग्रह स्थिर होने के बाद कर स्लैब में कटौती की जा सकती है।
मौजूदा जीएसटी व्यवस्था में पांच स्लैब शून्य प्रतिशत, 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत हैं। इसके अलावा कुछ उत्पादों पर अतिरिक्त जीएसटी उपकर भी लगता है। मोदी ने कहा कि हालांकि इस बारे में अंतिम निर्णय परिषद करेगी। संभावित परिदृश्य यह है कि मौजूदा 28 प्रतिशत की सबसे ऊंचे कर स्लैब को 25 प्रतिशत पर लाया जाएगा और 12 और 18 प्रतिशत के स्लैब को मिलाकर एक नया स्लैब बनाया जाएगा।
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