वर्ष 2015-16 में कपास उत्पादन घटकर 338 लाख गांठ रहने का अनुमान
किसानों के अन्य फसलों की ओर से रुख बदलने की वजह से सत्र 2015-16 में कपास का उत्पादन घटकर 338 लाख गांठ रह जाने का अनुमान है।
मुंबई। दलहन जैसी फसलों को सरकार की ओर से दी जा रही अधिक सहायता के मद्देनजर किसानों के अन्य फसलों की ओर से रुख बदलने की वजह से सत्र 2015-16 में कपास का उत्पादन घटकर 338 लाख गांठ रह जाने का अनुमान है, जो उत्पादन पिछले वर्ष में 386 लाख गांठ हुआ था।
कपड़ा आयुक्त कविता गुप्ता ने कहा कि वर्ष 2014-15 के दौरान कपास उत्पादन 386 लाख गांठ हुआ। कपास की एक गांठ 170 किलो की होती है। उन्होंने कहा, एक अक्टूबर से शुरू हुए 2015-16 के सत्र में कपास उत्पादन 338 लाख गांठ होने का अनुमान लगाया गया है। गुप्ता ने कहा, कपास खेती का रकबा वर्ष 2015-16 के दौरान घटकर 119.10 लाख हेक्टयर रह गया है, जो पिछले साल में 128.46 लाख हेक्टेयर था। उन्होंने कहा, ऐसा मुख्यत: इसलिए है कि क्योंकि किसान दलहन जैसी अन्य फसलों का रुख कर रहे हैं, जहां उन्हें बेहतर सहायता मिल रही है, जो विशेषकर मध्य और दक्षिणी क्षेत्र में है।
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पंजाब के कीट हमले के शिकार कपास क्षेत्रों का दौरा करेगा केंद्रीय दल
कृषि मंत्रालय ने कहा कि लगातार दूसरे वर्ष पंजाब में कपास की फसल पर सफेद कीट हमले के दुष्प्रभावों का आकलन करने के
लिए अगले दो दिनों में एक पांच सदस्यीय केंद्रीय दल पंजाब का दौरा करेगा। पंजाब में सफेद कीटों ने कपास फसलों पर फूल खिलने के समय हमला किया है, जिससे इस खरीफ फसल के लिए खतरा पैदा हो गया है।
एक सरकारी बयान में कहा गया है, फजिल्का, मांसा और बठिंडा जिलों के कुछ हल्कों में सफेद कीट का खतरा बढ़ा है, कृषि मंत्रालय पंजाब एक दल भेज रहा है। इसमें कहा गया है कि एक पांच सदस्यीय दल अगले दो दिनों में पंजाब के प्रभावित कपास क्षेत्रों का दौरा करेगा। यह दल अपना आकलन करेगा और अपनी रिपोर्ट देगा। पंजाब और हरियाणा में पिछले वर्ष सफेद कीट के हमले ने बीटी कपास किस्मों को व्यापक क्षति पहुंचाई थी। पिछले सत्र में पंजाब में कपास खेती के कुल 4.50 लाख हेक्टेयर में से 1.36 लाख हेक्टेयर कपास खेत सफेद कीट के हमले से प्रभावित हुआ था आर बड़े पैमाने पर कीटों के हमले के कारण उत्पादन में 40 फीसदी की गिरावट आई थी।