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Hindi News पैसा बिज़नेस कंपनियों का अस्‍थायी अस्‍पताल बनाना माना जाएगा CSR खर्च, बैंककर्मियों को माना जाएगा कोरोना वॉरियर्स

कंपनियों का अस्‍थायी अस्‍पताल बनाना माना जाएगा CSR खर्च, बैंककर्मियों को माना जाएगा कोरोना वॉरियर्स

मंत्रालय ने यह परिपत्र ऐसे समय में जारी किया है, जब देश भर में कोरोनो वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और उसके कारण मरने वालों की संख्या बढ़ रही है।

corporates spending for setting up makeshift hospitals to be CSR activity- India TV Paisa Image Source : PTI corporates spending for setting up makeshift hospitals to be CSR activity

नई दिल्‍ली। सरकार ने गुरुवार को कहा कि कंपनियां अस्थायी अस्पतालों और कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए अस्थायी सुविधाओं पर जो खर्च कर रही हैं, उसे सीएसआर (कंपनी सामाजिक जिम्मेदारी) गतिविधियों की श्रेणी में रखा जाएगा। कंपनी कानून के तहत लाभ कमाने वाली कंपनियों को अपने तीन साल के औसत शुद्ध लाभ का 2 प्रतिशत सीएसआर गतिविधियों पर खर्च करना अनिवार्य है।

कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने एक परिपत्र में कहा कि यह स्पष्ट किया जाता है कि अस्थायी अस्पताल और अस्थायी कोविड देखभाल सुविधाओं की स्थापना के लिए सीएसआर मद का खर्च पात्र सीएसआर गतिविधियां हैं। मंत्रालय ने यह परिपत्र ऐसे समय में जारी किया है, जब देश भर में कोरोनो वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और उसके कारण मरने वालों की संख्या बढ़ रही है। कई जगहों पर मरीजों के लिए बेड और ऑक्सीजन की कमी देखी जा रही है।

वित्त मंत्रालय ने राज्यों से बैंककर्मियों को प्राथमिकता के आधार पर टीका लगाने को कहा

वित्त मंत्रालय ने राज्य सरकारों से कहा है कि कोविड-19 टीकाकरण के एक मई से शुरू होने वाले तीसरे चरण में बैंककर्मियों को प्राथमिकता के आधार पर टीका लगाया जाए। संक्रमण का आंकड़ा रिकॉर्ड पर पहुंचने और रोजाना महामारी से जान गंवाने वालों लोगों की संख्या ऊपर जाने के बीच इसी सप्ताह सरकार ने एक मई से 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए टीकाकरण खोलने का फैसला किया है। टीका विनिर्माताओं से 50 प्रतिशत खुराक केंद्र के लिए रखने को कहा गया है। शेष खुराक राज्यों और खुले बाजार के लिए रखी जाएगी।

राज्यों के मुख्य सचिवों को भेजे पत्र में वित्तीय सेवा विभाग ने कहा कि कोविड-19 प्रबंधन पर संसद की गृह मामलों की स्थायी समिति ने कोविड के दौरान निर्बाध सेवाओं के लिए बैंकिंग क्षेत्र की सराहना की है। समिति ने उन्हें कोविड-19 वॉरियर्स माना है। पत्र में कहा गया है कि बैंकों, बीमा कंपनियों और अन्य सेवाप्रदाताओं के सभी कर्मचारी/अधिकारी खुद को जल्द से जल्द टीका लगवाना चाहते हैं। इसमें कहा गया है कि सरकार ने एक मई से 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए टीकाकरण खोलने का फैसला किया है। राज्यों/संघ शासित प्रदेशों को प्राथमिकता के आधार पर बैंक कर्मचारियों को टीका लगाना चाहिए।

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