नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए 50 अरब डॉलर के एक इमरजेंसी फंड की घोषणा की है, जिसमें निम्न और बिना ब्याज का ऋण शामिल है। आईएमएफ की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने बुधवार को कहा कि यह इमरजेंसी फंड उन गरीब देशों की मदद करेगा, जिनका स्वास्थ तंत्र महामारी का मुकाबला करने के लिए कमजोर है। 24 सदस्यों वाली अंतरराष्ट्रीय मुद्रा और वित्तपोषण कमेटी ने अपने एक बयान में कहा कि वह जरूरत वाले सभी सदस्यों देशों को मदद करने के लिए बनाए गए इमरजेंसी फंड के लिए अपने उपलब्ध सभी वित्तीय संसाधनों का उपयोग करेगी।
जॉर्जीवा ने कहा कि कोरोना वायरस के पूरी दुनिया में फैल चुका है और इसने 2020 में मजबूत वृद्धि की उम्मीदों को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। उन्होंने बताया कि आईएमएफ के 189 सदस्य देशों में से लगभग एक तिहाई देश इस समय कोरोना वायरस से प्रभावित हैं। जॉर्जीवा ने कहा कि आईएमएफ को उम्मीद है कि 2020 में वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर 2019 की वृद्धि दर 2.9 प्रतिशत से कम रहेगी। उन्होंने कहा कि संशोधित अनुमान अगले कुछ हफ्तों में जारी किया जाएगा।
आईएमएफ ने जनवरी में अमेरिका-चीन के बीच व्यापर तनाव के नरम पड़ने के बाद 2020 के लिए 3.3 प्रतिशत वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान व्यक्त किया था। जॉर्जीवा ने कहा कि 2020 में वैश्विक वृद्धि दर पिछले साल के स्तर से नीचे रहेगी, लेकिन यह कितनी नीचे जाएगी और इसका असर कितने समय तक रहेगा इसका अनुमान लगाना अभी मुश्किल होगा।
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव से क्या दुनिया आर्थिक मंदी में फंस सकती है इस सवाल पर जॉर्जीवा ने कुछ भी कहने से इनकार किया। जॉर्जीवा और वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष डेविड मालपास ने वायरस के आर्थिक और मानवीय प्रभाव को सीमित करने के लिए समन्वित कार्रवाई के महत्व पर बल दिया है।
वर्ल्ड बैंक ने 3 मार्च को घोषणा की थी कि वो विकासशील देशों को अपनी स्वास्यि सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए तुरंत 12 अरब डॉलर की सहायता उपलब्ध कराएगा, ताकि वो कोरोना वायरस से अच्छी तरह से मुकाबला कर पाने में सक्षम बनें।
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