बैंकॉक/शंघाई। कोरोनावायरस के 20 से अधिक देशों में फैलने से बढ़ी चिंताओं के बीच चीन का प्रमुख शेयर सूचकांक शांघाई सोमवार करीब आठ प्रतिशत गिर गया। यह चीन के बाजार की पांच साल की सबसे बड़ी गिरावट है। हालांकि चीन के नियामकों ने बाजार को स्थिर करने के लिए कई कदम उठाए हैं। कोरोनावायरस से दुनियाभर में अब तक 360 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जबकि रविवार रात तक इससे प्रभावित 17,000 से अधिक लोगों की पहचान की गई है। इसके तेजी से हो रहे प्रसार का असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है।
बाजार में निवेशकों के बीच इसे लेकर काफी डर है। चीनी नव वर्ष की सप्ताह भर लंबी छुट्टी के बाद शंघाई शेयर बाजार में सोमवार को भारी गिरावट दिखी। शांघाई कंपोजिट शेयर सूचकांक आठ प्रतिशत तक गिरकर बंद हुआ। यह अगस्त 2015 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है। शंघाई कंपोजिट 229.92 अंक यानी 7.72 प्रतिशत घटकर 2,746.61 अंक पर बंद हुआ। छुट्टियां शुरू होने से पहले बाजार 23 जनवरी को खुला था और उस दिन शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 2.8 प्रतिशत गिरा था।
चीन सरकार 2008 में वैश्विक मंदी और 2002-2003 में सार्स बीमारी के फैलने के बाद बाजारों में उथल-पुथल को रोकने के दौरान भी वह इस तरह के कदम उठा चुकी है। चीन की अधिकतर बड़ी कंपनियां और वित्तीय संस्थान सरकार के नियंत्रण में हैं। रविवार को चीन के केंद्रीय बैंक ने बाजार में 1,200 अरब युआन (173 अरब डॉलर) की अतिरिक्त नकद राशि झोंकने की योजना की घोषणा की। यह पैसा बांड के जरिये डाला जाएगा ताकि बाजार में नकदी पर्याप्त मात्रा में बनी रहे।
सोमवार को कई क्षेत्रों की कंपनियों के शेयर में गिरावट देखी गई। चीन की दवा कंपनियों के शेयर शुरुआती कारोबार में 10 प्रतिशत तक गिर गए। इसी तरह चीन के छोटे बाजारों का सूचकांक शेनझेन कंपोजिट इंडेक्स 8.41 प्रतिशत यानी 147.81 अंक गिरकर 1,609 अंक पर बंद हुआ। गौरतलब है कि कोरोनावायरस का पहला मामला वुहान शहर में सामने आया इसके फैलने से चीन एवं आसपास के क्षेत्रीय पर्यटन और वैश्विक वृद्धि पर असर पड़ रहा है।
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