नई दिल्ली। कोरोना वायरस का असर अब सीधे तौर पर व्यापार में भी देखने को मिल रहा है। हीरा कारोबार के लिए मशहूर गुजरात का सूरत को अगले दो महीने में करीब 8,000 करोड़ रुपए की चपत लग सकती है। दरअसल, कोरोना वायरस की वजह से हांगकांग ने आपात स्थिति की घोषणा कर दी है। हांगकांग सूरत के हीरा उद्योग का प्रमुख एक्सपोर्ट मार्केट है। सूरत के हीरा कारोबारियों का कहना है कि हॉन्गकॉन्ग हमारे लिए प्रमुख व्यापार केंद्र है, लेकिन वहां महीने भर की छुट्टी की घोषणा कर दी गई है।
कोरोना वायरस के फैलने की वजह से वहां कारोबारी गतिविधियां काफी घट गई हैं। रत्न और आभूषण निर्यात संवर्द्धन परिषद (जीजेईपीसी) के रीजनल चेयरमैन दिनेश नवाडिया ने कहा कि सूरत से भारत का पॉलिश हीरा उद्योग अपने तैयार 95 प्रतिशत माल का हर साल हांगकांग के लिए पॉलिश्ड हीरों 37 फीसदी कुल निर्यात करता है जबकि चीन को 4 फीसदी निर्यात करता है। इसलिए हमारे कुल निर्यात का कुल 41 प्रतिशत इन 2 देशों को भेजा जाता है, जिसकी कीमत लगभग 45,000 करोड़ रुपए से अधिक है। लेकिन अब कोरोना वायरस की वजह से हांगकांग में एक महीने की छुट्टी की घोषणा कर दी गई है।
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नवाडिया ने कहा कि सूरत का हीरा उद्योग देश में आयातित 99 प्रतिशत कच्चे हीरो की पॉलिश करता है। उन्होंने कहा कि फरवरी और मार्च में सूरत के हीरा उद्योग को 8,000 करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है। नवाडिया ने कहा कि यदि स्थिति नहीं सुधरती है तो इससे सूरत का हीरा उद्योग बुरी तरह प्रभावित होगा। नवाडिया ने कहा कि सूरत में बने पालिश हीरे और आभूषण हांगकांग के जरिये दुनियाभर में भेजे जाते हैं।
मार्च में होने वाली प्रदर्शनी भी की गई रद्द
नवाडिया ने कहा कि हांगकांग सरकार द्वारा घोषित महीने भर की छुट्टी के कारण, हांगकांग में जिन गुजराती कारोबारियों के ऑफिस हैं, वे लौट रहे हैं। हांगकांग में आगामी मार्च में आयोजित होने वाली प्रदर्शनी रद्द कर दी गई है। उन्होंने कहा कि यदि स्थिति नहीं सुधरती है तो सूरत के हीरा उद्योग को 'हजारों करोड़ रुपए' का नुकसान तो होगा ही साथ में सूरत का आभूषण कारोबार बुरी तरह प्रभावित होगा।
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