‘वायरस संक्रमण के नए मामलों की रफ्तार में अब जल्द ठहराव की संभावना’
नीति आयोग के सदस्य के मुताबिक लॉकडाउन बढ़ाने का मकसद कोरोना प्रसार पर नियंत्रण को मजबूत करना है
नई दिल्ली। नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल का मानना है कि कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की संख्या में बेशक बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन इनमें अब जल्दी ही किसी भी दिन से स्थिरता आनी शुरू होगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज देश में प्रतिदिन 50,000 कोविड-19 परीक्षण हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लॉकडाउन को दो सप्ताह और बढ़ाने का मकसद पहले और दूसरे चरण के दौरान हुए लाभ को और मजबूत करना है। पॉल ने पीटीआई-भाषा से साक्षात्कार में कहा कि कोरोना वायरस के मामलों में अचानक हुई बढ़ोतरी इस संक्रमण के संरोधन की हमारी नियंत्रण नीति के हिसाब से सीमा में है। पॉल ने बंद को बढ़ाकर 17 मई तक करने के फैसले के पीछे उद्देश्य बताते हुए कहा कि देश को पिछले लॉकडाउन से जो लाभ हुआ है, उसे मजबूत करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि बंद का मकसद वायरस के ट्रांसमिशन की श्रृंखला को तोड़ना है। यदि हम आगे बंद नहीं करेंगे, तो हम लाभ गंवा देंगे।
पॉल कोरोना वायरस से निपटने के लिए बनाए गए चिकित्सा उपकरण एवं प्रबंधन योजना पर अधिकार प्राप्त समूह के प्रमुख हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जहां स्थिति बेहतर है, वहां बंद को सावधानी और सतर्कता के साथ खोला जाएगा। यह पूछे जाने पर कि क्या भारत संक्रमण के सामुदायिक प्रसार के दौर में पहुंच गया है, पॉल ने कहा कि अभी कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की संख्या को काबू में माना जा सकता है। पॉल ने कहा कि भारत कहीं भी लॉकडाउन से पहले हो रहे कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी के नजदीक नहीं पहुंचा है। लॉकडाउन से पहले देश में कोरोना वायरस के मामले प्रत्येक पांच दिन में दोगुना हो रहे थे। उससे पहले तो ऐसा तीन दिन में हो रहा था। अब 11-12 दिन में ऐसा हो रहा है। नीति आयोग के सदस्य ने कहा, कि कुल मिलाकर वायरस फैलने का आंकड़ा कमजोर हुआ है, लेकिन अभी यह स्थिर नहीं हुआ है। लेकिन हमें उम्मीद है कि अब यह किसी भी समय स्थिर हो जाएगा।