नई दिल्ली। कोरोना संकट से निपटने के लिए लगाए गए लॉकडाउन का बुरा असर आर्थिक गतिविधियों पर देखने को मिला है। अप्रैल के महीने में कोर सेक्टर का उत्पादन रिकॉर्ड 38 फीसदी गिरा है। मार्च के महीने में कोर सेक्टर में 9 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी। वहीं एक साल पहले अप्रैल के महीने में कोर सेक्टर 5.2 फीसदी बढ़े थे।
अप्रैल का पूरा महीना लॉकडाउन में रहा था इसी वजह से उत्पादन में तेज गिरावट दर्ज हुई है। वहीं मार्च के महीने में सिर्फ एक हफ्ते लॉकडाउन था। आधिकारिक रूप से मई के पूरे महीने लॉकडाउन रहा है, हालांकि नियमों में छूट के साथ कई जगहों और सेक्टर में आर्थिक गतिविधियां शुरू हो गई हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि मई से एक बाऱ फिर आंकड़ों में सुधार संभव है।
अप्रैल के दौरान सभी आठ प्रमुख सेक्टर में गिरावट देखने को मिली है। सबसे ज्यादा असर सीमेंट और स्टील में देखने को मिला है। अप्रैल के दौरान सीमेट सेक्टर में पिछले साल के मुकाबले 86 फीसदी और स्टील में 83 फीसदी की तेज गिरावट रही है। नेचुरल गैस उत्पादन में करीब 20 फीसदी, कोयला उत्पादन में 15.5 फीसदी, कच्चे तेल के उत्पादन में 6.4 फीसदी और फर्टिलाइजर में 4.5 फीसदी की गिरावट रही है। वहीं इलेक्ट्रिसिटी में 22.8 फीसदी और रिफायनरी प्रोडक्ट में 24.2 फीसदी की गिरावट रही है।
कोर सेक्टर में गिरावट का IIP आंकड़ों में भी तेज असर दिखता है। इन 8 सेक्टर का IIP में 40 फीसदी से ज्यादा हिस्सा है।
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