नई दिल्ली। आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर मार्च में घटकर 4.1 प्रतिशत के तीन महीने के निचले स्तर पर आ गई। कोयला, कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस सहित छह क्षेत्रों के कमजोर प्रदर्शन से बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर नीचे रही है। रिफाइनरी उत्पाद, इस्पात और बिजली जैसे क्षेत्रों की वृद्धि दर भी धीमी पड़ी है। मार्च 2017 में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 5.2 प्रतिशत रही थी। उर्वरक और सीमेंट भी बुनियादी उद्योगों में आते हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के मंगलवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
इससे पहले दिसंबर 2017 में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 3.8 प्रतिशत के निचले स्तर पर रही थी। समूचे वित्त वर्ष 2017-18 में आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 4.2 प्रतिशत रही है, जो 2016-17 में 4.8 प्रतिशत थी। सकल औद्योगिक उत्पादन में आठ बुनियादी उद्योगों का भारांश 41 प्रतिशत है।
समीक्षाधीन महीने में सिर्फ उर्वरक और सीमेंट क्षेत्र की वृद्धि दर बेहतर रही है। उर्वरक क्षेत्र का उत्पादन मार्च में 3.2 प्रतिशत बढ़ा, जबकि सीमेंट उत्पादन में 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीं दूसरी ओर कोयला, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद और इस्पात उत्पादन की वृद्धि दर घटकर क्रमश: 9.1 प्रतिशत (मार्च 2017 में 10.6 प्रतिशत), 1.3 प्रतिशत, 1 प्रतिशत और 4.7 प्रतिशत (एक साल पहले 11 प्रतिशत) पर आ गई।
बिजली उत्पादन की वृद्धि दर भी घटकर 4.5 प्रतिशत रह गई, जो मार्च , 2017 में 6.2 प्रतिशत थी। वहीं मार्च में कच्चे तेल के उत्पादन में 1.6 प्रतिशत गिरावट रही।
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