सहकारी बैंकों को रिजर्व बैंक की देखरेख के तहत लाया जायेगा, जल्द आएगा अध्यादेश
पिछले कुछ समय में कई सहकारी बैंकों में घोटाले के मामले सामने आए
नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार को कहा कि सभी सहकारी बैंकों और बहु- राज्यीय सहकारी बैंकों को रिजर्व बैंक की देख रेख के तहत लाया जायेगा। सरकार के इस कदम का मकसद सहकारी बैंकों के जमाकर्ताओं को संतुष्टि और सुरक्षा देना है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को जानकारी देते हुये सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि शहरी सहकारी बैंकों और बहु- राज्यीय सहकारी बैंकों को रिजर्व बैंक के बेहतर परिचालन के वास्ते रिजर्व बैंक के निरीक्षण के दायरे में लाया जायेगा। अब तक केवल वाणिज्यिक बैंक ही रिजर्व बैंक के निरीक्षण के तहत आते रहे हैं लेकिन अब सहकारी बैंकों का निरीक्षण भी रिजर्व बैंक करेगा। जावड़ेकर ने कहा, ‘‘जमाकर्ताओं को भरोसा मिलेगा की उनका पैसा सुरक्षित है।’’ उन्होंने कहा कि इस बारे में जल्द ही अध्यादेश जारी किया जायेगा।
देश में कुल मिलाकर 1,482 शहरी सहकारी बैंक और 58 के करीब बहु- राज्यीय सहकारी बैंक है जिनसे 8.6 करोड़ ग्राहक जुड़े हुये हैं। सरकार का यह कदम इस लिहाज से काफी अहम है कि पिछले कुछ समय में कई सहकारी बैंकों में घोटाले सामने आये हैं और इससे बैंक के जमाकर्ताओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है। पंजाब एण्ड महाराष्ट्र सहकारी बैंक में घोटाले का मामला हाल में काफी चर्चा में रहा। बैंक के जमाकर्ता ग्राहकों को घोटाले के बाद बैंक के कामकाज पर रोक लग जाने से काफी परेशानी उठानी पड़ी। इससे पहले मंत्रिमंडल ने सहकारी बैंकों को मजबूत बनाने और पीएमसी बैंक जैसे संकट से बचने के लिये बैंकिंग नियमन अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी है।