नई दिल्ली। उपभोक्ताओं को जल्द ही खुशखबरी मिलने वाली है। तेल मार्केटिंग कंपनियां दिवाली से पहले पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कटौती कर सकती हैं। तेल क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के कारण वैश्विक स्तर पर तेल की मांग कम होने से कीमतों पर दबाव आया है। कई पश्चिमी देशों में मांग कम होने से आने वाले दिनों में कच्चे तेल की कीमतें घटेंगी। यदि कच्चे तेल में गिरावट का दौर एक हफ्ते या इससे अधिक बना रहता है तो इसका फायदा भारत में उपभोक्ताओं को पेट्रोल और डीजल की घटी कीमतों के रूप में मिलेगा।
वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमत एक हफ्ते में 5 प्रतिशत तक घट चुकी है और अभी यह 40 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है। कम तेल मांग और बढ़ते स्टॉक के कारण तेल उत्पादक कंपनियों को कच्चे तेल में और अधिक गिरावट आने का डर सता रहा है।
भारत में तेल मार्केटिंग कंपनियों ने पिछले एक माह से पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लगभग स्थिर रखा है और इनमें कोई बदलाव नहीं किया है। मंगलवार को भी पेट्रोल-डीजल कीमतों में भी कोई बदलाव नहीं हुआ। इसके साथ ही पेट्रोल की कीमत एक माह से अधिक समय से स्थिर बनी हुई हैं, जबकि डीजल की कीमत में लगातार 25वें दिन कोई बदलाव नहीं आया है।
राष्ट्रीय राजधानी में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 81.06 रुपए है। मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में कीमत क्रमश: 87.74, 84.14 और 82.59 रुपए प्रति लीटर है। दिल्ली में डीजल की कीमत 70.46 रुपए प्रति लीटर है। मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में डीजल की कीमत क्रमश: 76.86, 75.95 और 73.99 रुपए प्रति लीटर है।
वैश्विक तेल कीमतों में आए ताजा संकेतों के साथ घरेलू तेल कंपनियां खुदरा कीमतों में बदलाव कर सकती है। हालांकि, भारत में आर्थिक गतिविधियों के दोबारा खोले जाने से ईंधन मांग कोविड-19 के पूर्व स्तर पर पहुंच गई है, ऐसे में कंपनियों के मार्जिन पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।
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