नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने आज विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा वस्तुओं के प्रवेश पर अलग से प्रवेश कर की वैधता की समीक्षा के लिए नौ जजों की संविधान पीठ का गठन करने का फैसला किया है।
मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने विभिन्न राज्यों के प्रवेश कर प्रावधानों पर ध्यान दिया है। कुछ कंपनियों ने इसे संविधान के अनुच्छेद 301 व्यापार वाणिज्य और आवागमन की स्वतंत्रता के अंतर्गत मुक्त व्यापार और वाणिज्य की अवधारणा के खिलाफ बताते हुए चुनौती दी है। संबंधित पक्षों के वकीलों ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि मुख्य अपील-याचिकाएं बड़ी नौ जजों की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध होने के उपयुक्त हैं।
उनका कहना है कि अंतरिम आवेदनों को सुनने या पहले से की जा चुकी व्यवस्था पर किसी संशोधन का निर्देश देने के बजाय यह उचित होगा कि इन अपीलों-याचिकाओं पर जुलाई, 2016 में अंतिम सुनवाई की जाए। पीठ में न्यायमूर्ति आर. भानुमति तथा न्यायमूर्ति यू. यू. ललित भी शामिल थे। पीठ ने कहा कि इसी के मद्देनजर इस दस्तावेजों को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष एक उपयुक्त पीठ के गठन के लिए रखा जाए, जो जुलाई में मुख्य अपीलों याचिकाओं की सुनवाई करे।
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