नई दिल्ली। दुनिया की दो सबसे बड़ी इंटरनेट कंपनियां गूगल और फेसबुक ग्रामीण भारत के इंटरनेट बाजार में अपना वर्चस्व जमाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। गूगल के सीईओ बनने के बाद पहले विदेशी दौरे पर भारत आए सुंदर पिचाई ने अगले तीन साल में देश के 3 लाख से अधिक गांवों में रूरल इंटरनेट प्रोग्राम शुरू करने की घोषणा की है। इस घोषणा के बाद गूगल ने दुनिया के सबसे बड़े इंटरनेट यूजर बेस पर कब्जा करने के लिए सीधे फेसबुक को चुनौती दी है। इन कंपनियों के बीच यूजर बेस और रेवेन्यु बढ़ाने को लेकर जंग चल रही है। इसलिए एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को ये कंपनियां अपने लिए एक अवसर के रूप में देख रही हैं।
ग्रामीण भारत के लिए कंपनियों में मची होड़
पिछले एक साल में कई ग्लोबल टेक कंपनियों ने भारतीय यूजर्स और सरकार को लुभाने की कोशिश की है। अपनी महत्वाकांक्षा और योजनाओं पर चर्चा के लिए फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग और माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है। जुकरबर्ग तो मोदी से दो बार मुलाकात कर चुके हैं। वहीं, पिचाई अपने भारत दौरे के दौरान मोदी से मुलाकात करेंगे। मोदी के सिलिकॉन वैली दौरे के वक्त दोनों ने मुलाकात की थी। 16 दिसबंर को पिचाई ने गूगल की ग्रामीण योजनाओं के तहत एंड्रॉयड की-बोर्ड को 11 भारतीय भाषाओं में लॉन्च करने की बात कही है। इसके अलावा अगले साल दिसंबर तक भारत के सौ रेलवे स्टेशनों पर वाईफाई की सर्विस शुरू करने की भी घोषणा उन्होंने की है।
फेसबुक बनाम गूगल
भारत में गूगल की राह आसान नहीं है, इंटरनेट डॉट ओआरजी को लेकर जुकरबर्ग आक्रामक हैं और रिलायंस कम्युनिकेशंस ने अपने ग्राहकों के लिए फ्री इंटरनेट की घोषणा की है। फेसबुक पहले से ही दुनिया के कई अन्य भागों में ‘इंटरनेट’ स्थापित कर चुका है। ऐसे में गूगल आसानी से भारती ग्रामीण मार्केट को अपने हाथों से निकलने नहीं देगा। हालांकि, फेसबुक के प्रवक्ता ने कहा कि हम किसी के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर रहें हैं। फेसबुक सिर्फ अरबों लोगों को ऑनलाइन लाने में मदद करना चाहता है।
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