नई दिल्ली। बिल्डिंग की छत पर रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने के लिए सोलर पावर कंपनियां अब कमर्शियल और इंडस्ट्रियल बिल्डिंग के अलावा रेजिडेंशियल बिल्डिंग पर भी फोकस कर रही हैं। इस स्कीम के तहत आप अपनी छत को सोलर पैनल लगाने के लिए किराये पर दे सकते हैं, बदले में आपको सस्ती दरों पर बिजली मिलेगी।
हीरो फ्यूचर एनर्जीस के चीफ एग्जीक्यूटिव सुनील जैन बताते हैं कि तकरीबन 240 वर्ग मीटर छत एक रूफटॉप सोलर पावर प्लांट के लिए पर्याप्त होता है, जो उस बिल्डिंग को बिजली बेचने के लिए वायबल हो सकता है और इससे कुछ फायदा भी कमाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि हीरो फ्यूचर एनर्जी समेत पांच-छह कंपनियां इस क्षेत्र में उतर चुकी हैं और वह इंडस्ट्रियल कॉम्प्लेक्स, कमर्शियल बिल्डिंग, मॉल और गेटेड कम्यूनिटीज में बड़ी छत की तलाश में जुटी हैं।
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जानकार बताते हैं कि एक किलो वाट बिजली पैदा करने के लिए जरूरी सोलर पैनल के लिए 8 वर्ग मीटर छत की आवश्यकता होगी। पावर कट के दौरान आसानी से सोलर पैनल से सस्ती दरों पर बिजली हासिल की जा सकती है। जैन के मुताबिक दिल्ली में रूफटॉप सोलर पैनल से बनी बिजली 6.25 रुपए से 7 रुपए प्रति यूनिट में आसानी से उपलब्ध हो सकती है। उन्होंने कहा कि उन कंपनियों के लिए यह बिजली बहुत सस्ती होगी, जो बड़ी मात्रा में बिजली का उपभोग करती हैं।
एक अन्य सोलर पावर कंपनी के एग्जीक्यूटिव ने बताया कि यहां ये सामान्य धारणा है कि जो लोग अपार्टमेंट के टॉप फ्लोर पर रहते हैं, छत भी उनकी होती है और रूफटॉप पर लगे सोलर पैनल से बिजली पाने के केवल वही हकदार हैं। लेकिन कानूनन, अपार्टमेंट की छत सभी फ्लैट मालिकों की होती है और रूफटॉप से पैदा होने वाली बिजली सभी फ्लैट मालिकों के बीच बंटनी चाहिए। उन्होंने कहा कि रेजिडेंशियल अपार्टमेंट में रूफटॉप सोलर पैनल के इंस्टॉलेशन के लिए लीगल डॉक्यूमेंट्स और एग्रीमेंट्स के लिए एक स्टैंडर्ड फॉर्मेट बनाने में काफी वक्त लगेगा और रेजिडेंशियल अपार्टमेंट में रूफटॉप सोलर पैनल को इंस्टॉल करने में अभी वक्त लगेगा।
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