नई दिल्ली। घरेलू कमोडिटी वायदा कारोबार के लिए 2016 बिना किसी बड़े उतार चढाव का साबित हुआ। बाजार को अब 2017 में इसमें विकल्प अनुबंधों के कारोबार की शुरुआत और संस्थागत निवेशकों को प्रदेश दिए जाने अनुमति मिलने की उम्मीद है। तेजी बाजार के कारोबार में तेजी आने की उम्मीद है।
- कमोडिटी मार्केट में राष्ट्रीय स्तर के तीन बाजारों एमसीएक्स, एनसीडीईएक्स और एनएमसीई के साथ साथ क्षेत्रीय बाजारों को मिला कर वर्ष 2016 में कुल 67-68 लाख करोड़ रुपए का कारोबार हुआ।
- इससे पिछले 66 लाख करोड़ रुपए का कारोबार हुआ था।
- यह चना और अरंडी वायदा में कारोबार निलंबित होने और नोटबंदी की वजह से कारोबार में व्यवधान पैदा होने के बावजूद हासिल किया गया।
- वर्ष के दौरान भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कमोडिटी एक्सचेंज के कारोबार को सुनियोजित बनाने और इन बाजारों की निगरानी बढ़ाने पर ध्यान दिया।
- निवेशकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुये इनमें जोखिम प्रबंधन और निगरानी प्रणाली की मजबूती पर गौर किया गया।
- नियामक ने वर्ष के दौरान इन बाजारों में वायदा कारोबार के साथ साथ अब विकल्प कारोबार शुरू करने की भी सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दे दी।
सेबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, कमोडिटी वायदा बाजार के सेबी के नियंत्रण में आये एक वर्ष से अधिक समय हो गया है। वर्ष 2016 अच्छा रहा है। हमने बाजार को सुरक्षित बनाने के लिए सभी कदम उठाये हैं। अगला कदम बाजार को अधिक गहरा और इसमें भागीदारी को विस्तार देना है।
उन्होंने कहा कि नियामक कमोडिटी बाजार में वायदा के साथ साथ विकल्प के अनुबंधों के कारोबार शुरू कराने के लिये दिशानिर्देशों को अंतिम रूप देने में लगा है। हम मध्य जनवरी तक इन दिशानिर्देशों को अंतिम रूप दे देंगे।
- सेबी अधिकारी ने कहा कि कृषि और गैर-कृषि दोनों क्षेत्रों से एक-एक जिंस में विकल्प कारोबार शुरू करने की अनुमति दी जा सकती है।
- कमोडिटी बाजार एमसीएक्स और एनसीडीईएक्स के अधिकारियों का कहना है कि वह विकल्प (ऑप्शन) कारोबार शुरू करने के लिए पूरी तैयारी में है।
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